डिजिटल डेस्क : स्वर कोकिला, भारत रत्न पुरस्कार विजेता वयोवृद्ध गायक ताला मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं हैं। एक महीने अस्पताल में रहने के बाद 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके निधन पर पूरे देश की आंखों में आंसू हैं। इस खबर से सत्ता के ऊपर से शुरू होकर आम लोग गहरे सदमे में हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बार उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी।
जी हां, हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं, तब किसी ने उन्हें जहर देने की कोशिश की थी। खुद लता मंगेशकर ने इसे अपने जीवन के सबसे कड़वे अनुभव में शामिल किया है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया का कहना है कि एक थ्रोबैक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि 1963 में वे बहुत बीमार महसूस करने लगे और मुश्किल से बिस्तर से उठ सके। शरीर इतना गिर गया कि वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था।
लता दीदी ने खुद कहा, यह तय है कि उन्हें धीरे-धीरे जहर दिया जा रहा है. उन्हें पूरी तरह से ठीक होने और गायन में वापसी करने में तीन महीने लगे। हालांकि उस समय डॉक्टरों को लगा था कि लता दीदी फिर कभी नहीं गा पाएंगी। रिपोर्टों के विपरीत, हालांकि, उन्होंने अपनी आवाज नहीं खोई।
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लता मंगेशकर के मुताबिक लंबे इलाज के बाद वह ठीक हो गई हैं। इलाज से ठीक होने के बाद लता मंगेशकर ने फिर गाना शुरू कर दिया। ठीक होने के बाद उन्होंने पहला गाना ‘कहीं दीप जले कहीं दिल’ गाया। वहीं, लता मंगेशकर ने कहा कि उन्हें पता है कि कौन उन्हें जहर दे रहा है। लेकिन साक्ष्य के अभाव में कार्रवाई नहीं हो सकी।