Corona Ki Teesri Laher Ka Bachchon Par Nahi Hoga Asar- WHO Ka Daava , kya corona ki teesri laher ka bachon par asar hoga ya nahi , kya corona virus ki teesri laher bachchon par aakramak hogi , kya coronavirus ki doosri laher bachchon ko jada nuksan pahunchayegi
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) तथा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने अपने सीरोप्रेवैलेंस सर्वे में इस बात का दावा किया गया है कि कोविड की थर्ड वेव का बच्चों ज्यादा असरदार नही होगी। कोविड के भयानक वैरिएंट को देखते हुए भारत में थर्ड वेव की आशंका जताई जा रही है, परंतु अब नयी स्टडी में WHO तथा AIIMS द्वारा किया गया दावा राहत देने वाला है।
रिसर्च के अनुसार , एडल्ट्स के मुकाबले SARS-CoV-2 सिरोपाॅजिटिविटी रेट बच्चों में ज्यादा मिली है। वायरस के प्रति नेचुरल इम्युन रिस्पॉन्स को माउंट करने की शारीरिक क्षमता सिरोपाॅजिटिविटी द्वारा पता किया जाता है। दिल्ली एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर पुनीत मिश्रा के मुताबिक दक्षिणी दिल्ली के शरणार्थी कॉलोनियों में सीरोप्रिवैलेंस 74.7 प्रतिशत काफी अधिक पाया गया।
यह आंकड़ा अब तक किये गए सारे सीरो सर्वे में सबसे अधिक है। सर्वे के अनुसार, सेकंड वेव से पूर्व भी दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले 18 वर्ष से छोटे बच्चों में सीरोप्रिवैलेंस 73.9 प्रतिशत था। अधिक सीरोप्रिवैलेंस थर्ड वेव के विरुद्ध बच्चों पर कवच का कार्य करेगी।
5 राज्यों से लिए गए 10 हजार सैंपल
इस सर्वे के लिए पांच राज्यों से दस हजार सैंपल लिए गए थे। उसके हिसाब से जो रिपोर्ट आई है उसमें चार राज्यों के 4500 सैंपल को आधार बनाया गया है। आने वाले 2 – 3 महीने में 5 राज्यों के दस हजार सैंपल साइज की कम्पलीट रिपोर्ट आ जाएगी।
यह अध्धयन दिल्ली ग्रामीण, दिल्ली शहरी, गोरखपुर ,भुवनेश्वर तथा अगरतला की साइट के लिए औसत आयु ग्यारह वर्ष, बारह वर्ष, तेरह वर्ष तथा चौदह वर्ष थी। अध्ययन के लिए डेटा पंद्रह मार्च 2021 तथा दस जून 2021 के मध्य इकठ्ठा गया था। शोधकर्ताओं के अनुसार SARS-CoV-2 के विरुद्ध टोटल सीरम एंटीबॉडी का आकलन करने हेतु एलिसा किट का इस्तेमाल किया गया था। इस किट द्वारा मानव शरीर में कोरोना वायरस के एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता चलेगा।
डेल्टा वैरिएंट के विरुद्ध स्पुतनिक वी लाएगी बूस्टर शॉट
वहीं रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी का कहना है कि वह शीघ्र ही एक बूस्टर शॉट उपलब्ध कराएगी। ये बूस्टर डोज कोविड के सबसे पहले भारत में मिले डेल्टा वैरिएंट पर काफी असरकारक होगी। साथ ही कंपनी ने बताया कि वे शीघ्र ही कोरोना के विरुद्ध जंग में अन्य वैक्सीन निर्माताओं के संग मिलकर भी कार्य करेगी।
आपको बता दें कि स्पुतनिक वी विश्व की सबसे पहली कोरोना की वैक्सीन है, जिसको रूस के गामालेया रिसर्च सेंटर ने बीते वर्ष बनाया था। कोवीशील्ड तथा कोवैक्सिन के बाद स्पुतनिक वी वह तीसरी वैक्सीन है जिसका उपयोग भारत में हो रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन को नहीं दिया तीसरे चरण का डाटा: भारत बायोटेक
भारत की मुख्य वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने इस खबर का खंडन किया है कि उन्होंने कोवैक्सिन के थर्ड फेज के डेटा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पास जमा किए है। कंपनी का कहना है कि इस तरह की खबरें गलत हैं कि कंपनी ने कोवैक्सिन डोज के तीसरे चरण का डेटा WHO को दिया है।
Written By : Aarti
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