गाजियाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय में वकीलों और जज के बीच जिरह को लेकर विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। जानकारी के अनुसार, न्यायिक अधिकारियों और वकीलों में टकराव हो गया। न्यायालय में किसी केस को लेकर सुनवाई हो रही थी। वहां जज और वकील के बीच कहासुनी हो गई। जिसके बाद जज ने फोन करके पुलिस बुला ली।
तो इस वजह से शुरू हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक, एक केस की सुनवाई जिला जज की कोर्ट में चल रही थी। जज इस मामले में आगे की तारीख दे रहे थे। जबकि एक सीनियर वकील चाहते थे कि सुनवाई आज ही हो। वकील ने जज से कहा कि अगर आप आज सुनवाई नहीं कर सकते तो फिर इस केस को किसी दूसरी अदालत में ट्रांसफर कर दीजिए। लेकिन जज अपनी बात पर अड़े हुए थे और उनका कहना था कि वह ना ट्रांसफर करेंगे और न ही इस केस को आज सुनवाई करेंगे। सिर्फ अगली तारीख देंगे। जज के इसी बात पर सीनियर वकील भड़क गए।
बताया जा रहा है कि इसके बाद सीनियर वकील ने गुस्से में आकर गाली दे दी। इसके बाद जज साहब भी गुस्से में आ गए और उनकी तरफ से भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाने लगा। देखते ही देखते मामला तूल पकड़ने लगा और इसके बाद जज साहब ने फोन करके पुलिस को बुला लिया।
पुलिस ने वकीलों पर किया लाठीचार्ज
कोर्ट रूमें में हंगामा कर रहे वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। कोर्ट रूम में कुर्सियों भी चलीं। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को कोर्ट रूम से खदेड़ दिया। इसी के बाद विवाद और बढ़ गया। वकील कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ गए। वकीलों का हंगामा अभी भी चल रहा है। वकील जज और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि गुस्साए वकीलों ने कचहरी परिसर में स्थित पुलिस चौकी में आग लगा दी है।
फिलहाल आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जानकारी के अनुसार, लाठीचार्ज में 8-10 वकील घायल हो गए। नाराज वकीलों ने प्रदर्शन किया और पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की और आग लगा दी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अदालत में अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई है।
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