नई दिल्ली : सिंगापुर में 2016 में रिश्तों को तार-तार करने वाली एक घटना हुई। करीबी दोस्त की शादी में पहुंचे एक शख्स ने दोस्त की दुल्हन से छेड़छाड़ की थी। अब सात साल बाद आरोपी को मामले में दोषी पाया गया है। हालांकि, यह जंग आसान नहीं थी। आरोपी ने खुद को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का पूरा जोर लगाया था।
वहीं, इस घटना के बाद पीड़ित महिला का पति के साथ तलाक हो गया। 2016 में दुल्हन और उसके पति ने शादी की रस्मों के बाद अपने ब्राइडल सुइट में एक पार्टी रखी थी। इस पार्टी में दोषी भी पहुंचा था। इस दौरान सभी ने जमकर शराब पी थी। पीड़िता की उम्र अब 39 और दोषी शख्स की 42 साल हो चुकी है।
महिला ने सुनाई आपबीती
पीड़िता ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि शादी की थकावट के बाद वह अपने बेडरूम में सोने चली गई थी। महिला ने बताया कि नींद में ही अचानक उसे लगा कि कोई उसकी छाती और प्राइवेट पार्ट को छू रहा है। यह सुबह छह बजे के आसपास हुआ। महिला ने कहा कि अंधेरे की वजह से मुझे लगा कि वह मेरे पति हैं। मैंने उस शख्स को अपना पति समझकर नहाने के लिए कहा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
इस बीच छेड़छाड़ होती रही। महिला का कहना है कि मुझे इस बीच एहसास हुआ कि यह मेरे पति नहीं है। मैंने उस शख्स की जींस को छुआ, जींस का वह टैक्सचर नहीं था, जो मेरे पति ने पहनी थी। उन्होंने बताया कि कमरे में अंधेरा होने की वजह से मैं उसका चेहरा नहीं देख सकी। जब मैंने उस शख्स से पूछा कि वह कौन है, कोई जवाब नहीं मिला। महिला का कहना है कि इसके बाद वह बेडरूम से बाहर चली गई। महिला को बाहर आकर पता चला कि उसके पति सुइट के लीविंग रूम में सो रहे हैं। इसके बाद महिला ने पति को नींद से उठाकर पूरी घटना बताई।
शख्स ने छेड़छाड़ की बात कबूली थी
जब पीड़ित महिला ने इस पूरी घटना के बारे में अपने पति को बताया, उस समय आरोपी ने कबूला था कि उसने महिला की छाती और प्राइवेट पार्ट को छुआ था। इस घटना के सामने आने के बाद महिला के पति ने आरोपी दोस्त को वहां से चले जाने को कहा, जिसके बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। हालांकि, आरोपी के वकील ने अदालत में यह दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को लगा कि बिस्तर पर उनके साथ उनकी पत्नी है। आरोपी ने छेड़छाड़ की बात से इनकार किया। आरोपी का कहना था कि जब उसे पता चला कि बिस्तर पर उसके साथ उनकी पत्नी नहीं है तो वह पीछे हट गए। आरोपी ने महिला को गलत तरीके से छूने के लिए माफी भी मांगी थी।
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प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज विक्टर यीओ ने आरोपी की दलीलों को खारिज करते हुए उनके बयान को सजा से बचने का बहाना बताया। जज ने यह भी कहा कि महिला को अपनी पत्नी समझ लेने की गलत भी समझ से परे और भरोसा करने लायक नहीं है। जज यीओ ने महिला के बयान को ईमानदार और भरोसे के लायक बताया। अदालत में लगभग सात साल तक चली इस जंग को जीतने के लिए लोग सोशल मीडिया पर महिला के प्रति हमदर्दी जता रहे हैं।