दिवाली के दिन पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी पाई गई। एमिकस क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है। दिल्ली में पटाखे पर बैन के बावजूद आतिशबाजी होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि दिल्ली सरकार तुरंत जवाब दे कि ऐसा क्यों हुआ? हम साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करेंगे कि इसका पालन क्यों नहीं किया गया?
14 नवंबर को होगी मामले की सुनवाई
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी निर्देश देते हैं कि वह प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करें। दोनों को यह बताना चाहिए कि वे क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखते हैं ताकि अगले साल ऐसी घटना न हो। इसमें सार्वजनिक अभियान के लिए उठाए गए कदम भी शामिल होने चाहिए। पंजाब और हरियाणा राज्य भी पिछले 10 दिनों में पराली जलाने के विवरण के बारे में हलफनामा दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक हफ्ते मे हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस दिवाली में प्रदूषण को लेकर क्या किया गया है। इन पहलुओं पर कोर्ट 14 नवंबर को सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने माँगा जवाब
बैन के बावजूद दिल्ली में पटाखों के जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक, बैन के आदेश को सख्ती से लागू नहीं किया गया। फायर क्रैकर्स पर बैन प्रदूषण पर काबू के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है। दिल्ली में पटाखे पर रोक के बावजूद आतिशबाजी पर रोक नहीं लगा पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया है। साथ ही उनसे जवाब भी मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि पटाखों पर प्रतिबंध का पालन शायद ही किया गया हो। यहां तक कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दीवाली के दौरान प्रदूषण अपने उच्च स्तर पर था। हम दिल्ली सरकार को निर्देश देते हैं कि वह प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में हलफनामा दाखिल करे।
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