नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनम घेब्रेसस ने उम्मीद जताई है कि 2022 कोविड-19 महामारी के अंत का साल हो सकता है। हालांकि उन्होंने इसके लिए एक शर्त रखी है। और शर्त यह है कि ये सभी देश इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए काम करें।
बीबीसी के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने अपने नए साल के संदेश में “संकीर्ण राष्ट्रवाद” और इसके परिणामस्वरूप टीकों को जमा करने की प्रवृत्ति की चेतावनी दी। चीन में इसी तरह के निमोनिया (कोविड-19) का पहला मामला सामने आने के दो साल बाद यह बयान आया है। उन्होंने कहा कि टीकों के वितरण में लगातार असमानता थी। इससे वायरस अपना रूप बदलकर फैलने का मौका मिल रहा है।
‘संकीर्ण राष्ट्रवाद के शिकार हुए कुछ देश’
डब्ल्यूएचओ प्रमुख के मुताबिक, ‘कुछ देश संकीर्ण राष्ट्रवाद के शिकार हैं। इसलिए वे वैक्सीन का स्टॉक कर रहे हैं। यही कारण है कि टीके वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है, या बहुत कम मात्रा में। इन परिस्थितियों ने कोविड-19 के ओमाइक्रोन रूप के विकास और विस्तार के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान कीं। लेकिन अगर हम वैक्सीन वितरण में असमानताओं को खत्म कर सकते हैं, तो हम महामारी को भी खत्म कर पाएंगे।
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गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 22,775 मामले सामने आए हैं। हालांकि इस महामारी में अब तक 406 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, कोविड -19 के कारण होने वाली मौतों की कुल संख्या 4,81,486 हो गई है। कोरोना के कुल सक्रिय मामले भी बढ़कर 1,04,781 हो गए। यह सभी संक्रमणों के 0.30% के लिए जिम्मेदार है। इस बीच ओमाइक्रोन संक्रमण के मामलों की संख्या 1,431 पहुंच गई है। इनमें से 48 ठीक होकर घर जा चुके हैं। देश के कुल 23 राज्यों में ओमाइक्रोन संक्रमण पहुंच चुका है।