लोहड़ी का त्योहार हर साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पूर्व मनाया जाता है. मकर संक्रांति उस समय होती है, जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. लोहड़ी का त्योहार हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रमुखता से मनाया जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं. लोहड़ी की रात खुले में लकड़ियां एकत्र की जाती हैं और एक गोल घेरा बनाया जाता है. फिर उन लकड़ियों में पवित्र अग्नि जलाई जाती है. उसमें लाई, रेवड़ी, नए धान के लावे, मक्का, गुड़, मूंगफली आदि डाला जाता है और आग की परिक्रमा की जाती है. प्रसाद स्वरुप रेवड़ी, लावे, मूंगफली आदि बांटा जाता है. इस दौरान लोग लोक गीत गाते हैं और उत्सव मनाते हैं. लोहड़ी को लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं कि इस साल लोहड़ी कब है और इसे क्यों मनाते हैं.
लोहड़ी 2022 तारीख, संक्रांति समय एवं योग
इस साल लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी दिन गुरुवार को है. इस दिन लोहड़ी संक्रांति का समय दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर है. इस दिन शुभ योग दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है, उसके बाद शुक्ल योग प्रारंभ हो जाएगा. ये दोनों ही योग शुभ कार्यों के लिए अच्छे होते हैं. लोहड़ी के दिन रवि योग प्रात: 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 07 मिनट तक है. इस बार की लोहड़ी रवि योग में है.
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी का त्योहार नई फसल के आगमन और खेतों में नई फसल की बुआई की खुशी में मनाते हैं. इस दिन लोग नई फसल के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं और खुशियां मनाते हैं. पंजाब में नवविवाहित जोड़े या बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. इस दिन उनको शुभकामनाएं और उपहार दिए जाते हैं.
Read More : योगी आदित्यनाथ का दावा, हिंदुओं को माफियाओं से मुक्त जमीन दी गई
मान्यताओं के अनुसार, दुल्ला भाटी की याद में भी लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. दुल्ला भाटी ने महिलाओं और बच्चियों को एक अधर्मी व्यापारी से बचाया था, जो महिलाओं और बच्चियों को बेच देता था. उन पर तरह तरह के अत्याचार करता था. दुल्ला भाटी ने उस व्यापारी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी.