नए साल 2022 का प्रारंभ हो चुका है और प्रदोष व्रत का प्रारंभ भी सबसे पहले शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) से हो रहा है. शनि प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम व्रतों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत रखने और विधि विधान से भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है. जिन लोगों को कोई संतान नहीं होती है, उन्हें शनि प्रदोष व्रत करने का सुझाव ज्योतिषाचार्य देते हैं. आइए जानते हैं कि नए साल का पहली प्रदोष व्रत कब है? पूजा मुहूर्त क्या है?
प्रदोष व्रत 2022 तिथि एवं पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 14 जनवरी दिन शुक्रवार को रात 10 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन अगले दिन 15 जनवरी को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, साल 2022 का पहला प्रदोष व्रत 15 जनवरी दिन शनिवार को रखा जाएगा. यह शुक्ल पक्ष का शनि प्रदोष व्रत है.
जो लोग शनि प्रदोष व्रत रखेंगे, उनको पूजा के लिए 2 घंटे 42 मिनट का समय प्राप्त होगा. 15 जनवरी को शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 28 मिनट तक भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम मुहूर्त है. इस मुहूर्त में शनि प्रदोष की पूजा करना अच्छा रहेगा.
ब्रह्म योग में शनि प्रदोष व्रत
साल 2022 का पहला प्रदोष व्रत ब्रह्म योग में है. 15 जनवरी को ब्रह्म योग दोपहर 02 बजकर 34 मिनट तक है, उसके बाद से इंद्र योग शुरू हो जाएगा. इस दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है. वहीं रवि योग रात 11 बजकर 21 मिनट से अगले दिन 16 जनवरी को प्रात: 07 बजकर 15 मिनट तक है.
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प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, धन, संपत्ति, संतान, शांति, आरोग्य आदि की प्राप्ति होती है. शनि प्रदोष व्रत करने से पुत्र का प्राप्ति होती है.