पंचांग (Panchang) के अनुसार पौष मास (Paush Month) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा होता है. पौष पूर्णिमा के दिन व्रत रखने, चंद्रमा (Chandrama) और माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा करने का विधान है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा से धन, दौलत और सुख में वृद्धि होती है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा होती है. इससे शुभता और सौभाग्य बढ़ता है. सत्यनारायण भगवान को श्रीहरि विष्णु का अवतार मानते हैं. आइए जानते हैं कि पौष पूर्णिमा कब है, तिथि क्या है और चंद्रोदय कब होगा?
पौष पूर्णिमा 2022 तिथि एवं चांद निकलने का समय
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 जनवरी दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है. पूर्णिमा तिथि 18 जनवरी दिन मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 17 मिनट तक है. पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय 17 जनवरी को होगा, इसलिए पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को है. इस दिन पूर्णिमा व्रत भी रखा जाएगा.
पौष पूर्णिमा 2022 चंद्रोदय समय
पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के उदय का समय शाम को 05 बजकर 10 मिनट पर है. इस दिन चंद्रास्त का समय ज्ञात नहीं है. इस दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:10 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक है.
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सर्वार्थ सिद्धि योग में पौष पूर्णिमा
पौष पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग में है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 04:37 बजे से अगले दिन 18 जनवरी को प्रात: 07:15 बजे तक है. पूर्णिमा को पूर्णमासी भी कहते हैं, इसलिए इस दिन के चांद को पूर्णमासी का चांद कहते हैं. पूर्णमासी का अर्थ उस मास के पूर्ण होने से है. पंचांग में पूर्णिमा के बाद से नए माह का प्रारंभ होता है.