एकादशी कब है: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। ग्यारहवीं तिथि महीने में दो बार पड़ती है। एक सफेद पंख और एक काला पंख। एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। ग्यारहवां दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी के दिन सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं अक्टूबर में एकादशी, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…
ग्यारहवीं तिथि-
पापंकुशा एकादशी- 16 अक्टूबर, शनिवार। आश्विन मास में शुक्लपक्ष की एकादशी को पापंकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
शुभ एकादशी-
अश्विन, शुक्ल एकादशी शुरू – 06:02 अपराह्न, 15 अक्टूबर
अश्विन, शुक्ल एकादशी समाप्त – 05:37 बजे, 16 अक्टूबर
एकादशी पूजा – विधि-
सुबह उठकर नहा-धोकर आराम करें।
घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को फूल और तुलसी की दाल चढ़ाएं।
हो सके तो इस दिन व्रत भी करें।
भगवान को पूजो।
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भगवान को भोजन कराएं। याद रखें कि भगवान को केवल सात्विक चीजें दी जाती हैं। तुलसी को भगवान विष्णु की पीड़ा में अवश्य शामिल करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु को भोग नहीं लगता।
इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करें।
इस दिन भगवान का अधिक ध्यान करें।