एस्ट्रो डेस्क : शादी 5 दिसंबर को है। विवा पंचमी के दिन ही श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन को भगवान राम और माता सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। चिरायु पंचमी के दिन सीता-राम के मंदिर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। भक्त इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करते हैं। भारत और नेपाल के लोग इस दिन को बहुत शुभ मानते हैं। भारत में विशेष रूप से अयोध्या में महान समारोह आयोजित किए जाते हैं। यह भी कहा जाता है कि तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना भी चिरायु पंचमी के दिन ही पूरी की थी।
विवाह पंचमी का अर्थ
ऐसा माना जाता है कि चिरायु पंचमी के दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यदि अविवाहित लड़कियां अपने मन में सीता-राम की पूजा करती हैं, तो उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस दिन अनुष्ठान करने से विवाहित लोगों का दाम्पत्य जीवन सुखमय हो जाता है। दाम्पत्य जीवन में आ रही रुकावटें, बाधाएँ या समस्याएँ समाप्त होती हैं। जीवन सुख, शांति, प्रेम और सकारात्मकता लाता है।
हैप्पी वेडिंग पंचमी
मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की तिथि प्रारंभ: 07 दिसंबर 2021 पूर्वाह्न 11:40 बजे
मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की तिथि समाप्त: 08 दिसंबर 2021 को 09:25
जानिए पूजा की विधि
पंचमी के दिन प्रात: उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर मन से श्रीराम का ध्यान करें।
किसी चौकी पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र करें और आसन बना लें।
अब चौकी में राम, माता सीता की मूर्ति स्थापित करें।
राम को पीले और सीता को लाल रंग का वस्त्र पहनाएं।
दीप जलाएं, फल और फूल दोनों से तिलक करें और विधि-विधान से पूजा करें।
पढ़िए पूजा करते समय बालकांडे में दी गई शादी की घटना।
इस दिन रामचरितमानस का पाठ करने से जीवन और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
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