मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 जुलाई को बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि 06 से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिए। विद्यालय प्रबन्ध समिति (प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान) इसे सुनिश्चित कराएं। इस दिशा में ‘स्कूल चलो अभियान’ को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, बच्चों की शत-प्रतिशत विद्यालयी उपस्थिति सुनिश्चित करने, संसाधनों के कुशल उपयोग तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश भी जारी किए।
50 से अधिक छात्रों वाले स्कूल…
उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री हेतु ₹1,200 की सहायता राशि को डीबीटी के माध्यम से शीघ्रता से अंतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय स्वतंत्र रूप से संचालित हों। यह कार्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ किया जाए। ताकि लाभार्थियों को समय पर मदद मिल सके और विद्यालयीन सामग्री की व्यवस्था बाधित न हो।
स्कूल चलो अभियान को अधिक प्रभावी बनाये
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार सीएम ने कहा कि कोई बच्चा स्कूल से वंचित न रहे। विद्यालयों की आधारभूत संरचना सुदृढ़ हो, संसाधनों की उपलब्धता में कोई कमी न हो। सीएम योगी ने कहा कि स्कूल पेयरिंग से गुणवत्ता बढ़ेगी, संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया है कि रिक्त पदों पर अधियाचन भेज कर शीघ्र की नियुक्ति जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक-छात्र अनुपात आदर्श स्थिति में हो। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में अहम पहल, ‘स्कूल चलो अभियान’ को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
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