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यूपी चुनाव: उत्तर प्रदेश के ऐसे जिले जहां आधी आबादी ने आजादी के बाद से चुनाव नहीं जीता है

UP चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश  में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान जारी है. यूपी में अब तक दो राउंड का चुनाव हो चुका है और पांच राउंड का मतदान बाकी है. चुनाव के बाद यूपी में महिला विधायकों की संख्या भले ही बढ़ जाए, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा जिला है, जहां से आजादी के बाद से कोई भी महिला विधायक नहीं चुनी गई है. मऊ जिले के इतिहास में 1952 से आज तक चार विधानसभाओं मऊ सदर, घोसी, मधुबन और मुहम्मदाबाद गोहना से कोई महिला विधायक नहीं चुनी गई है और एकमात्र लोकसभा सीट घोसी से कोई महिला सांसद नहीं चुनी गई है.

मऊ को अब भी है महिला प्रतिनिधि का इंतजार
विधानसभा सीटों पर भी 2012 में कांग्रेस ने राणा खातून को घोसी विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं कल्पनानाथ राय की बहू सीता राय 2002 और 2007 में मऊ सदर विधानसभा सीट से जनता दल यूनाइटेड से उम्मीदवार थीं, लेकिन उन्हें भी लोगों ने खारिज कर दिया था. 2007 में कांग्रेस की लालती देवी मोहम्मदाबाद ने विधानसभा में किस्मत आजमाई, लेकिन उन्हें भी निराशा हाथ लगी. डॉ. सुधा राय घोसी ने कई बार कांग्रेस के लिए लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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फिरोजाबाद में भी कुछ ऐसा ही हाल
वहीं, आजादी के बाद से फिरोजाबाद के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं जीती है. पिछले सात दशकों में हुए 17 विधानसभा चुनावों में जसराना सीट के अलावा कोई भी महिला उम्मीदवार दूसरा स्थान हासिल नहीं कर पाई है.

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