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5 राज्‍यों में काम कर रहीं तुर्की की कंपनियां, खत्‍म हो सकती है पार्टनरशिप

भारत और पाकिस्‍तान में जारी तनाव के बीच तुर्की ने खुलकर पाकिस्‍तान का पक्ष लिया और उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। भारतीय सैलानियों ने पहले ही तुर्की के लिए अपनी बुकिंग कैंसिल कराके जोरदार झटका दे दिया है और अब सरकार भी सबक सिखाने के मूड में है। तुर्की की कई कंपनियां यूपी, दिल्‍ली सहित देश के 5 राज्‍यों में विभिन्‍न प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्‍द ही इनके कामकाज की समीक्षा करेगी और इन कंपनियों को प्रोजेक्‍ट से हटा सकती है।

तुर्की को सिर्फ पर्यटन से ही नहीं व्‍यापार से भी चोट देने की तैयारी चल रही है। खुदरा व्‍यापारियों के सबसे बड़े संगठन कैट सहित कई उद्योग संगठनों ने तुर्की से कारोबार बंद करने और उसका बहिष्‍कार करने की मांग उठाई है। देशभर में तुर्की के खिलाफ बायकाट का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे निगेटिव सेंटिमेंट के दौरान मोदी सरकार भारत में तुर्की के कारोबारी करार प्रोजेक्‍ट की समीक्षा करने की तैयारी में है। मामले से जुड़े एक वरिष्‍ठ अधिकारी का कहना है कि ऐसे सभी प्रोजेक्‍ट जिसमें तुर्की की कंपनियां शामिल हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी।

क्‍या काम करती हैं तुर्की की कंपनियां

एक अधिकारी के अनुसार, सरकारी और निजी सेक्‍टर के किसी भी प्रोजेक्‍ट में शामिल तुर्की कंपनियों का डाटा जुटाया जा रहा है। इसके बाद इनके कामकाज की समीक्षा की जाएगी। तुर्किश कंपनियां आईटी, मेट्रो रेल और टनल सहित कई तरह के प्रोजेक्‍ट में काम कर रही हैं। इनकी ज्‍यादातर हिस्‍सेदारी पांच राज्‍यों गुजरात, महाराष्‍ट्र, यूपी, दिल्‍ली और जम्‍मू-कश्‍मीर में है। दोनों देशों के बीच वित्‍तवर्ष 2023-24 में 10.4 अरब डॉलर (करीब 92 हजार करोड़ रुपये) का द्विपक्षीय कारोबार रहा है।

एफडीआई भी तुर्की से आता है

वाणिज्‍य मंत्रालय के ट्रस्‍ट की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में तुर्की 45वें नंबर पर आता है। अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 तक तुर्की से 24 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है। तुर्की ने भारत में निर्माण, विनिर्माण, एविएशन, मेट्रो रेल इन्‍फ्रा, एडुकेशन और मीडिया सेक्‍टर में भी निवेश किया है। कंस्‍ट्रक्‍शन और टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में तुर्की कई सालों से भारत का पार्टनर रहा है।

किस शहर में चल रहा काम

एक रिपोर्ट के अनुसार, कई तुर्किश कंपनियां लखनऊ, पुणे और मुंबई में भारतीय कंपनियों के साथ मेट्रो रेल प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं। इसके अलावा तुर्की की एक कंपनी ने भारतीय इंडस्‍ट्री के साथ गुजरात में मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट लगा रही है। इतना ही नहीं तुर्किश कंपनी भारतीय एयरपोर्ट का संचालन भी करती है। इससे पता चलता है कि तुर्किश कंपनियों की भारत में हिस्‍सेदारी कम नहीं है। यह कंपनियां न सिर्फ इन्‍फ्रा सेक्‍टर से जुड़ी हैं, बल्कि सीधे पब्लिक सर्विस से भी जुड़ी हैं।

तुर्की में हर भारतीय खर्च कर रहा 3 लाख

आपको बताते चले तुर्की और अजरबैजान के लिए भारत कितना बड़ा बाजार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2024 में चीन के बाद तुर्की जाने वाले सबसे ज्‍यादा पर्यटक भारतीय थे। बीते साल 2.70 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्की का सफर किया, जबकि अजरबैजान में यह संख्‍या 2.43 लाख रही है। अजरबैजान जाने वाले हर भारतीय पर्यटक ने 1 से सवा लाख रुपये तक खर्च किए हैं, जबकि तुर्की में खर्च का यह पैसा 3 लाख रुपये से लेकर 3.35 लाख रुपये तक रहा है।

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