Homeधर्मआज है साल का सबसे छोटा दिन…, क्यों होता है ऐसा?

आज है साल का सबसे छोटा दिन…, क्यों होता है ऐसा?

कोलकाताः मंगलवार को साल का सबसे छाेटा दिन रहेगा। रात 16 घंटे की होगी। सूर्य इस दिन कर्क रेखा से मकर रेखा की ओर उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है। इसे विंटर सोलस्टाइस कहा जा रहा है। हिंदू मान्‍यता में इसका अलग महत्‍व है। राेज 58 से 50 सैकंड तक दिन का समय घटता जाएगा व रात का समय बढ़ता जाएगा। मंगलवार काे 10 घंटे 40 मिनट और 14 सैकंड का दिन व 13 घंटे 20 मिनट और 15 सैकंड की रात रहेगी। इसी दिन से सूर्य का उत्तरायण शुरू हाेगा। दिन का समय घटने और रात का समय बढ़ने का क्रम मंगलवार 25 दिसंबर से ही फिर से बदलने लगेगा। शिशिर ऋतु की भी शुरुआत होगी।

हालांकि 14 जनवरी मकर संक्रांति से सूर्यदेव का उत्तरायण काल माना जाएगा। हकीकत में सूर्य के उत्तरायण की गति 22 दिसंबर से जाना शुरू हाे जाती है। दिन का समय घटने और रात का समय बढ़ने का क्रम मंगलवार के चार दिन बाद यानी 25 दिसंबर से ही फिर से बदलने लगेगा। वापस रात छाेटी हाेने लगेगी। दिन का समय बढ़ना शुरू हाे जाएगा। दिन घटने और रात बढ़ने से अगले 14 दिन में करीब 3 मिनट और 36 सैकंड का अंतराल आएगा।

जयोतिषाचार्य ने बताया कि सूर्य छह माह उत्तरायण रहते हैं और छह माह दक्षिणायन रहते हैं। शायन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश मंगलवार रात 9 बजकर 28 बजे उत्तरायण हो जाएगा। उत्तरायण सूर्य मकर राशि से लेकर शायन सूर्य मिथुन राशि 21 जून तक रहेंगे। इसके बाद छह माह के लिए सूर्य फिर से दक्षिणायन हो जाएंगे। शास्त्रों की ऐसी मान्यता है कि उत्तरायण सूर्य में देवताओं का दिन माना जाता है और दक्षिणायन सूर्य देवताओं की रात होती है। भीष्म पितामह ने उत्तरायण सूर्य में अपने शरीर का त्याग किया था। उत्तरायण सूर्य में धार्मिक अनुष्ठान, देव प्रतिष्ठा, मुंडन आदि कार्य करना विशेष शुभ फलप्रद माना जाता है। सनातन धर्म में उत्तरायण को शुभ और प्रकाश का प्रतीक माना जाता है, जबकि दक्षिणायण को शुभ नहीं माना जाता। इसी दिन से दिन बढ़ना प्रारंभ हो जाते हैं।

ये है विंटर सोलस्टाइस का मतलब

विंटर सोलस्टाइस का मतलब है कि हर साल 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होता है। इसकी वजह है कि सूरज से धरती काफी दूर रहती है और चांद की रोशनी आज के दिन ज्यादा देर तक पड़ती रहेगी। इस दिन के बाद से ही ठंड बढ़ जाती है। सूर्य पृथ्वी पर कम समय के लिए उपस्थित होता हैं। चंद्रमा अपनी शीतल किरणों का प्रसार पृथ्वी पर अधिक देरी तक करता हैं। इसे विंटर सोल्‍टाइस अथवा दिसंबर दक्षिणायन कहा जाता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई हैं जिसके कारण सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से अधिक हो जाती हैं और सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक हो पाता हैं। सोलस्टाइस एक लैटिन शब्द है, इसका मतलब ‘ स्थिर सूरज’ होता है। आज के दिन सूर्य कैप्रिकॉन सर्कल में पहुंचता है। दिन के धीरे-धीरे बड़े होने की शुरुआत 25 दिसंबर के बाद होने लगती है। आज चांद की किरणें धरती पर काफी देर तक रहती हैं और समय से पहले ही सूरज अस्त हो जाता है।

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