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सूर्यास्त के समय अर्घ्य अर्पण करने की है विधि, सूर्य के 12 नामों का जाप करना चाहिए

एस्ट्रो डेस्क : सूर्य उपासना का महान पर्व छठ पूजा 10 नवंबर को मनाई जाएगी। छठ पूजा में, डूबते सूरज को प्रसाद चढ़ाने की प्रथा है। सूर्य पांच देवताओं में से एक है और हर सुबह सूर्य को यज्ञ करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ धार्मिक लाभ भी मिलते हैं। उज्जैन ज्योतिषी पंडित मनीष शर्मा के अनुसार रोज सुबह सूर्य को अर्पण करते समय सूर्य के 12 नामों का जाप करना चाहिए। जानिए सूर्य देव के 12 नाम और अर्थ…

सूर्य – ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मांड रविवार को शुरू होता है, और ज्योतिष में सूर्य को रविवार का कारक ग्रह माना जाता है। इसी कारण सूर्य का एक नाम रॉबी पड़ा है।

आदित्य – सूर्य को अदिति और कश्यप ऋषि की संतान माना जाता है। माता के बाद सूर्य का एक नाम आदित्य है। इस नाम का अर्थ यह है कि यह किसी बुराई से प्रभावित नहीं होता है।

दिनकर – इस नाम का अर्थ है जो दिन करता है। दिन की शुरुआत सूर्य के उदय के साथ होती है। इसी कारण सूर्य को दिनकर भी कहा जाता है।

रश्मि – रश्मि का अर्थ है रे और साथी का अर्थ है रे। इस प्रकार इस नाम का अर्थ हजारों किरणों की किरण है।

प्रभाकर – सुबह को प्रभा भी कहा जाता है। प्रभाकर का अर्थ है प्रभात कर्ता।

सबिता – सूर्य से प्रकाश निकलता है और सबिता का अर्थ है सृजन करने वाली।

भुवनेश्वर – भुवनेश्वर का अर्थ है दुनिया पर राज करने वाला। सूर्य पूरी पृथ्वी पर शासन करता है। इसी कारण उन्हें पृथ्वी का राजा माना जाता है।

सूर्य – सूर्य अंतहीन चलता रहता है। सूर्य का अर्थ है यात्रा करने वाला।

वानु– वानु को तेज कहा जाता है। सूर्य की ऊर्जा सभी के लिए समान है, इसी कारण सूर्य को वानु भी कहा जाता है।

दिवाकर – दिवाकर का अर्थ है जो रात को समाप्त करता है और दिन बनाता है। दिवाकर का अर्थ है कि जब यह आता है तो अंधकार समाप्त हो जाता है।

आदिदेव – यह सारा ब्रह्मांड सूर्य के कारण ही है। इसलिए सूर्य को पृथ्वी का मूल देवता कहा जाता है।

सप्तराथी – सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार होता है। इसी कारण इन्हें सप्त राठी कहा जाता है।

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