डिजिटल डेस्क : अंडे या मुर्गियां दुनिया में सबसे पहले आए, यह सवाल सालों से पूछा जाता रहा है। यूके में यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड और वारविक के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में जवाब दिया, “पता लगाएं कि कौन से मुर्गियां या अंडे आए हैं?”अंडे या मुर्गियां दुनिया में सबसे पहले आए, यह सवाल सालों से पूछा जाता रहा है। वैज्ञानिकों ने जवाब दिया है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड और वारविक के शोधकर्ताओं ने इसका अध्ययन किया है। शोधकर्ता डॉ. कॉलिन फ्रीमैन ने कहा कि हालांकि यह जवाब देना संभव नहीं है कि बहुत समय पहले कौन आया था, शोध से पता चला है कि सबसे पहले मुर्गी धरती पर आई थी। पता करें कि शोध में कौन से विषय सामने आए हैं
शोधकर्ताओं का कहना है कि अंडे बनाने के लिए ओवोक्लाडिन (ओसी-17) नामक प्रोटीन की जरूरत होती है। यह प्रोटीन अंडे के उत्पादन के लिए आवश्यक है। यह विशेष प्रकार का प्रोटीन गर्भावस्था के दौरान मुर्गियों के गर्भाशय में बनता है। इससे स्पष्ट है कि मुर्गी पहले आई, अंडा नहीं।
शोधकर्ताओं ने इसका पता लगाने के लिए हाई-टेक कंप्यूटर HECtoR का इस्तेमाल किया है। इसके माध्यम से अंडे के खोल की आणविक संरचना को समझा गया। अध्ययनों से पता चला है कि OC-17 प्रोटीन कैल्शियम कार्बोनेट को अंडे के छिलके में बदलना शुरू कर देते हैं। धीरे-धीरे खोल सख्त होने लगता है और इसमें कैल्साइट क्रिस्टल होते हैं।
शोधकर्ता डॉ. कॉलिन ने कहा कि चिकन की हड्डियों और अंडे के छिलके में कैल्साइट क्रिस्टल पाए जाते हैं। जब अंडा पूरी तरह से तैयार हो जाए तो वह बाहर आ जाता है। ज्यादातर मुर्गियां हर 24 से 36 घंटे में अंडे देती हैं। ताजे अंडे रोजाना हटा दिए जाने चाहिए या मुर्गी अंडे पर तब तक बैठ सकती है जब तक कि वह दूसरा अंडा न दे दे।
मुर्गी पहले आई या अंडा, इसका जवाब मिल गया है, लेकिन दुनिया में मुर्गी कैसे बनी इसका जवाब अभी नहीं मिल पाया है। दुनिया भर के कई वैज्ञानिक अपने विकासवादी सवालों के जवाब खोजने में व्यस्त हैं।
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