डिजिटल डेस्क : अफगानिस्तान का होम मिनिस्टर सिराजुद्दीन हक्कानी पहली बार दुनिया के सामने आया। अमेरिकी फौज 20 साल तक अफगानिस्तान में रहीं, लेकिन 10 लाख डॉलर के इस वॉन्टेड आतंकी का फोटो तक हासिल नहीं कर पाई। शनिवार को काबुल में अफगानिस्तान पुलिस की पासिंग आउट परेड थी। इस दौरान तालिबान के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। लेकिन, जैसे ही सिराजुद्दीन मंच पर पहुंचा तो सब हैरान रह गए।
क्यों अहम है हक्कानी का नजर आना
15 अगस्त 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था। इसके बाद उसने सरकार बनाई। इस सरकार में कई ऐसे आतंकी चेहरे शामिल थे, जिन पर अमेरिका ने इनाम घोषित कर रखा है। अब तक मुल्ला बरादर और हसन अखुंदजादा मीडिया के सामने आ चुके हैं, लेकिन सिराजुद्दीन पहली बार कैमरों के सामने आया और भाषण भी दिया।
उसने कहा- आपकी संतुष्टि और भरोसे के लिए आज मैं मीडिया के सामने आया हूं। आपसे बात भी कर रहा हूं। हमें अपने काम से लोगों का भरोसा जीतना है और इसके लिए कोशिश करनी होगी।
क्यों सामने आया
यह पुलिस की पासिंग आउट परेड थी। पुलिस होम मिनिस्टर को रिपोर्ट करती है। दरअसल, दो दिन पहले कुनार प्रांत में तालिबान की कथित पुलिस ने एक युवा लड़के को मार डाला था। उसका गुनाह सिर्फ इतना था कि वो अपने भाई की शादी में म्यूजिक बजा रहा था। तालिबान कहते हैं कि इस्लाम और शरिया में संगीत की कोई जगह नहीं है। इस घटना की काफी आलोचना हो रही थी। हत्यारे तालिबानियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
सिराजुद्दीन ने कहा- मैं पुलिस से कहना चाहता हूं कि वो लोगों की देखभाल और उनकी मदद करें, लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि उन पर रहम भी दिखाएं। जो अफगानी विदेश चले गए हैं, मैं उनसे वतन लौटने की अपील भी करता हूं।
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कौन हैं हक्कानी
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के कबायली इलाके में रहने वाले एक समुदाय को हक्कानी कबीला कहा जाता है। दरअसल, ये हक्कानिया मस्जिद और मदरसे से जुड़े लोग होते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो हक्कानी किसी जाति का नाम नहीं है, बल्कि एक खास मदरसे से निकलने वाले छात्रों को हक्कानी ग्रुप कहा जाता है। इनमें ज्यादातर लोग पाकिस्तान के पेशावर से होते हैं। अमेरिका हक्कानी गुट को हक्कानी नेटवर्क कहता है। पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी ISI और फौज से इस ग्रुप के बेहद करीबी रिश्ते हैं।