गाजा में इजरायली हमले में मौत होने से पहले हमास चीफ याह्या सिनवार घायल हो गया था। वह हमले से क्षतिग्रस्त हो चुके एक मकान के सोफे पर घायल अवस्था में बैठा था। इजरायली सेना को इस बात का एहसास भी नहीं था कि उसने याह्या सिनवार को मौत के करीब पहुंचा दिया है। मगर सिनवार के घायल होने की आशंका होने पर इजरायली सेना ने एक मिनी ड्रोन के जरिये उसकी तलाश शुरू कर दी। वह दक्षिणी गाजा खंडहरों में मर रहा था। उसे धूल से सनी एक कुर्सी पर गिरा हुआ देखा गया था, जिसमें उसका लिहाफनुमा एक कपड़ा धूल से सना था और उसके सिर से लेकर आखों और शरीर को पूरी तरह ढंक रखा था। इजरायली सेना ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है।
वीडियो में देखा जा रहा है कि जैसे ही इजरायली ड्रोन उसके पास में मंडराता है, वैसे ही अपनी मौत की आखिरी सांसें गिन रहा याह्या सिनवार ड्रोन को एक छड़ी फेंककर मारता है। मगर वह अपनी जिंदगी नहीं बचा पाता। इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि एक साल से अधिक समय से याह्या सिनवार को सेना तलाश रही थी। मगर गुरुवार को उसे मारने वाले इज़रायली सैनिक शुरू में इस बात से अनजान थे कि उन्होंने बुधवार को जमीनी जंग के बाद अपने देश के नंबर एक दुश्मन को ढेर कर दिया है।
इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड था सिनवार
इजरायल पर 7 अक्टूबर 2023 को हुए सबसे भयानक नरसंहार का याह्या सिनवार मास्टरमाइंड था। हमले के मुख्य साजिश कर्ता होने के साथ वही इजरायल के साथ इस भीषण युद्ध का जन्मदाता भी था। युद्ध आरंभ होने और अपने पूर्ववर्ती हमास चीफ इस्माइल हानिया के मारे जाने के बाद उसने टेलीफोन और अन्य संचार उपकरणों का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। ऐसे में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद भी उसका पता नहीं लगा पा रही थी। याह्या सिनवार की हत्या के बाद इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि वह दक्षिणी गाजा में सुरंगों के विशाल नेटवर्क में से किसी एक में छिपा हुआ था, जिसे हमास ने पिछले दो दशकों में गाजा के नीचे खोदा था।
बावजूद इजरायली सैनिकों ने ज्यादातर सुरंगों को खोज निकाला। ऐसे में सुरंगों में छिपकर बचने की कोई गारंटी नहीं रह गई थी। इज़रायली सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्ज़ी हलेवी ने कहा कि पिछले साल इज़रायल द्वारा सिनवार का पीछा करने के कारण वह “एक भगोड़े की तरह व्यवहार करने लगा, जिसके कारण उसे कई बार स्थान बदलना पड़ रहा था। मगर वह आखिरकार मारा गया”।
पहले सोचा कि मारा गया कोई हमास का आम लड़ाका
इजरायली सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा, सिनवार की पहचान पहले केवल एक हमास लड़ाके के रूप में की गई थी, लेकिन सैनिकों ने जब खंडहर में प्रवेश किया और उसे एक हथियार, एक फ्लैक जैकेट और 40,000 शेकेल ($ 10,731.63) के साथ पाया और उसका हुलिया सिनवार से मिलता देखा तो उनको शक हुआ। हगारी ने कहा कि घायल होने के बाद सिनवार ने भागने का प्रयास किया था। वह खंडहरों में जा छिपा था, लेकिन हमासी सेना ने उस पर मिसाइल हमला करके मार गिराया। अभी तक हमास ने सिनवार की मौत को लेकर खुद कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन समूह के सूत्रों ने कहा है कि जो संकेत उन्होंने देखे हैं, उससे पता चलता है कि सिनवार को वास्तव में इजरायली सैनिकों ने मार डाला है।
सैनिकों को सबसे पहले नजर आया घायल याह्या सिनवार
अधिकारियों ने कहा कि घायल अवस्था में पड़े याह्या सिनवार को उसकी बिस्लाच ब्रिगेड की पैदल सेना के सैनिकों ने सबसे पहले देखा। यह सैनिक बुधवार को दक्षिणी गाजा के ताल अल सुल्तान क्षेत्र में एक क्षेत्र की तलाशी ले रहे थे। उनका मानना था कि यहां हमास के वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे। इजरायली सैनिकों ने इन खंडहर इमारतों के बीच 3 संदिग्ध आतंकवादियों को घूमते देखा और उनपर गोलीबारी शुरू कर दी। इसमें सिनवार भी मौजूद था और वह भी एक खंडहर इमारत में भाग गया। इज़रायली मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक हमास का आतंकी समझकर उसे ड्रोन से ट्रैस करने के बाद इमारत पर टैंक के गोले और मिसाइल से हमला किया गया। इसी दौरान घायल अवस्था में सोफे पर बैठा सिनवार मारा गया।
बिना लक्षित हमले के मारा गया याह्या सिनवार, ऐसे हुई पहचान
खंडहर में मिले हमास आतंकी का हुलिया याह्या सिनवार जैसा देखकर इजरायली सैनिक भी हैरान रह गए। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था कि उन्होंने अपने दुश्मन नंबर 1 को इस तरह से ढेर कर दिया है। मगर बाद में सिनवार के दांतों के रिकॉर्ड, उंगलियों के निशान और डीएनए परीक्षण से मौत की अंतिम पुष्टि कर दी गई। इसके बाद इजरायली सेना ने कहा कि उसकी खुफिया सेवाएं धीरे-धीरे उस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर रही हैं, जहां वह काम कर सकता था। इससे पहले 13 जुलाई को हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद डेफ समेत अन्य उग्रवादी नेताओं को इजरायल ने ढूंढकर मार डाला था। मगर इसके विपरीत, जिस ऑपरेशन में अंततः सिनवार की मौत हुई, वह कोई योजनाबद्ध और लक्षित हमला या कमांडो ऑपरेशन नहीं था।
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