Homeलाइफ स्टाइलशोधकर्ताओं का कहना, नीला सर्जिकल मास्क है 'फेल'

शोधकर्ताओं का कहना, नीला सर्जिकल मास्क है ‘फेल’

कोरोना के केस फिर से बढ़ने लगे है ऐसे में बेहतर तरीके से खुद का ध्यान कैसे रखना है ये बहुत जरुरी है| स्वास्थ्य शोधकर्ताओं सभी लोगों से रक्षात्मक उपायों को लगातार प्रयोग में लाते रहने की अपील कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखने और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन पर जोर दिया जा रहा है |

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और आपको सर्दी या बुखार है तो घर से न करे ।अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें.अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें।

सुरक्षा

पिछले डेढ़ साल से जारी कोरोना के कहर के चलते अब मास्क पहनना लोगों की आदत का हिस्सा बन चुका है, पर क्या हर तरीके का मास्क संक्रमण से सुरक्षा दे सकता है? क्या आप जानते हैं, कि जो मास्क लगा रहे हैं, वह संक्रमण से सुरक्षित रखने में कितना प्रभावी है? इसी से संबंधित हाल ही में किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने नीले रंग के सर्जिकल मास्क को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस तरह के मास्क को कोरोना से सुरक्षा देने में अप्रभावी बताया है।

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कनाडा में वाटरलू विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि कोरोना के दौरान ज्यादातर लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले नीले रंग वाले सर्जिकल फेस मास्क को कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षा देने में असरदार नहीं पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को और दूसरे तरह के मास्क पहनने चाहिए, क्योंकि सर्जिकल फेस एरोसोल की बूंदों को रोकने में ज्यादा प्रभावी नहीं माने जा सकते हैं।

क्यों ‘फेल’ हैं सर्जिकल मास्क?

मास्क की प्रभाविकता को लेकर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ता बताते हैं, महामारी के दौरान लोकप्रिए हुए नीले सर्जिकल मास्क को केवल 10 फीसदी तक ही प्रभावी माना जा सकता है, इसका मुख्य कारण यह है कि इस तरीके के मास्क चेहरे को अच्छी तरह से ढक नहीं पाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह से कोरोना के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट्स के बारे में पता चल रहा है, ऐसे में लोगों के लिए मास्क पहनना बहुत जरुरी है। एन95 और केएन95 जैसे मास्क अधिक प्रभावी ढंग से कोरोना से सुरक्षा दे सकते हैं।

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शोधकर्ताओं की बात

संक्रमण से बचाव के लिए चेहरे को अच्छी तरह से कवर करना सबसे आवश्यक है, जब बात एरोसोल को नियंत्रित करने की आती है तो विभिन्न मास्क की प्रभावशीलता में बड़ा अंतर देखने को मिला है। बहुत से लोग ऐसे मास्क पहनते हैं जो उनके चेहरे पर ठीक से फिट नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में एरोसोल की बूंदें बाहर आ सकती हैं, जिससे लोगों को संक्रमण हो सकता है। नीले सर्जिकल मास्क को इसी आधार पर संक्रमण से सुरक्षा देनें में फिट नहीं पाया गया है।

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कोनसा मास्क है असरदार?

शोधकर्ताओं का कहना है कि सर्जिकल मास्क की तुलना में एन95 मास्क को एरोसोल की बूंदों को फिल्टर करने में अधिक सक्षम पाया गया है। प्रोफेसर यारुसेविच कहते हैं, यह सामान्य सी बात है कि |

जो मास्क नाक और मुंह को अच्छी तरह से कवर करेगा उसे संक्रमण से सुरक्षा देने में ज्यादा कारगर माना जा सकता है। लोगों को यदि उपलब्ध हो सके तो एन95 मास्क का प्रयोग अधिक करना चाहिए।

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शोधकर्ताओं का कहना ‘बेस्ट मास्क’ एन95 मास्क

शोधकर्ताओं का कहना है कि लोग जिस तरह के मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, उसे संक्रमण से सुरक्षा देने में ज्यादा असरदार नहीं माना जा सकता है। एन95 रेस्पिरेटर मास्क पहनना शुरू करना चाहिए, इस तरीके के मास्क संक्रमण से सुरक्षा देने में ज्यादा बेहतर हो सकते हैं।

लोगों को मास्क के इस्तेमाल के प्रति विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।. आपका स्वस्थ्य ही है आपकी पूंजी इसीलिए रखिये अपने और आपके अपनो का ख्याल |

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