रामपुरहाट : रामपुरहाट हिंसा के 24 घण्टे बाद अब प्रशासन ने हथौड़ा चलाया है। हिंसा के सिलसिले में अब तक कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। इस हिंसा में 8 लोगों की जान चली गई थी। रामपुरहाट के बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के घरों में आग लगने से 2 बच्चों समेत कुल 8 लोगों की मौत हो गयी। यह घटना गत सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता की हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई। तृणमूल कांग्रेस के नेता की हत्या के बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में कथित तौर पर कई घरों में आग लगा दी गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी। इस घटना के सिलसिले में मंगलवार को 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इधर, पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले में 9 और लोगों की गिरफ्तारी होने के बाद हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बढ़कर 20 हो गयी है। हम यह पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ कर रहे हैं कि क्या इस घटना में और लोग शामिल थे।’ घटना में गिरफ्तार 10 अभियुक्तों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया है जबकि बाकी के 10 अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
फारेंसिक टीम ने किये नमूने संग्रह
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ आरोपी गांव से भाग गए हैं। हम उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि फॉरेंसिक टीम ने ‘घटना की प्रकृति’ के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए क्षतिग्रस्त मकानों की जांच की और नमूना संग्रह किया। पश्चिम बंगाल सरकार ने घटना की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
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12 पुलिस कर्मी क्लोज किये गये
रामपुरहाट की हिंसा में जांच के बीच 12 पुलिस कर्मियों को क्लोज किया गया है। बताया गया कि इनमें डीआईबी के कर्मियों के अलावा सिविक वोलंटियर्स शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, ये पुलिस कर्मी घटना के समय उस थाना इलाके में ड्यूटी पर तैनात थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ड्यूटी पर होने के बावजूद घटना की खबर डीआईबी और पुलिस कर्मियों को कैसे नहीं लगी और अगर खबर थी तो पुलिस कर्मियों ने आगे इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। यहां उल्लेखनीय है कि इस घटना में गत मंगलवार को एसडीपीओ और थाने के आईसी को भी क्लोज किया गया था।