डिजिटल डेस्क : सेंसेक्स-निफ्टी में भारी उतार-चढ़ाव और सप्ताहांत में मंदी के कारण शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की आशंका के बीच फंडामेंटल मजबूत बना हुआ है। कॉर्पोरेट आय, बाजार की सेहत का एक शक्तिशाली उपाय, न केवल मजबूत बनी हुई है, बल्कि इसके उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की उम्मीद है। निफ्टी की 50 कंपनियों की औसत प्रति व्यक्ति आय इस साल 40 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। इस प्रकार, बाजार की वृद्धि लंबे समय तक जारी रहने की संभावना है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के रिसर्च एनालिस्ट पंकज पांडे के मुताबिक निफ्टी इंडेक्स लेवल पर हालात काफी अच्छे दिख रहे हैं। 2021-22 की तीसरी तिमाही में कंपनियों की बिक्री में 11% और तिमाही आधार पर 9% लाभ बढ़ने की उम्मीद है। इनके सालाना आधार पर 25% से अधिक बढ़ने की उम्मीद है। इसका मुख्य कारण उत्पादों, विशेष रूप से धातुओं और तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण मुनाफे में वृद्धि है।
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मजबूत मौलिकता के चार प्रमुख कारण
2021 में जीएसटी संग्रह लगातार 1 लाख करोड़ से ऊपर रहा। इस साल जनवरी में यह 1.4 लाख करोड़ पर पहुंच गई।
सभी क्षेत्रों में विकास दर 10 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। ऑटोमोबाइल सेक्टर इस मामले में आगे रहेगा।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजनाएं उत्पादन बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी। सभी सेक्टरों को होगा फायदा
कोविड का डर दूर हो गया। देश में 90 प्रतिशत से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है जो अपनी उम्र के अनुसार यह टीका लगवा सकते हैं।
मार्च 2023 तक सेंसेक्स 66,600 को छू जाएगा
रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक निफ्टी 20,000 और सेंसेक्स 66,600 तक पहुंच सकता है। यह अनुमान निफ्टी के 815 रुपये के ईपीएस पर आधारित है।
