काशी : काशी रामनवमी पर एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश देने के लिए आगे आई। लमही के सुभाष भवन में रविवार को मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम और माता जानकी की आरती उतारी। मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि भारत भूमि पर रहने वाले किसी भी व्यक्ति का अस्तित्व राम के बगैर कुछ नहीं है। विश्व की हर संस्कृति प्रभु श्रीराम से निकली है। भगवान श्रीराम हमारे पूर्वज हैं।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान की ओर से पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर और काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष महंत बालक दास के साथ मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की स्तुति की। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम संस्कृति के अखंड ब्रह्मांड के नायक हैं। कोई भी उनसे अलग नहीं है। बिना राम के अखंड भारत में रहने वालों की कोई पहचान नहीं हैं।
हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल
मुस्लिम महिलाओं द्वारा किया गया प्रयास इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए एक सबक है। वह भी नफरत छोड़कर राम के मार्ग पर चलें तो नफरत में फंसने से बच जाएंगे। राजस्थान के करौली में हिंदुओं के जुलूस पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया, इससे नफरत फैल गई। आज मुस्लिम महिलाओं ने यह संदेश दिया कि हम सभी पूर्वजों और परंपराओं से एक हैं। कोई हमें अलग नहीं कर सकता।मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भारत भूमि का जो हिस्सा प्रभु श्रीराम से अलग हुआ, आज वह नफरत, हिंसा और गरीबी की दुर्दशा झेल रहा है।
पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान सभी हिंसा की आग में जल रहे हैं, क्योंकि वह सब अपने पूर्वजों से अलग हो गए। आज की तारीख में वह देश भगवान श्रीराम की स्तुति करे और भगवान श्रीराम के रास्ते पर चले तो फिर से शांति और समृद्धि पा सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तभी रुकेगा, जब वहां के लोग सार्वजनिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखकर यह सलाह भी जरूर दूंगी। सभी को राम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए।
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डॉ. राजीव ने कहा
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव ने कहा कि भगवान श्रीराम के साथ उनके तीनों भाइयों की पूजा और चारों माताओं की स्तुति से घर-परिवार में समृद्धि आएगी और शांति बनी रहेगी। शांति और एकता के लिए रामपंथ ही एकमात्र विकल्प है। रामपंथ लोगों में सद्भावना की वकालत करता है। इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने नाजनीन अंसारी द्वारा उर्दू में लिखा भजन, उर्दू में लिखी आरती का पाठ किया।
नाजनीन अंसारी ने बताया कि संकट मोचन मंदिर पर आतंकवादियों ने 7 मार्च 2006 को बम से धमाका किया था। इसके अलावा उसी दिन कैंट स्टेशन पर भी बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में कई लोगों की जान चली गई थी। नाजनीन अंसारी ने कहा कि काशी में धमाकों ने हिंदू और मुसलमानों के बीच नफरत और शक की दीवार खड़ी कर दी। तब विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम महिला फाउंडेशन की मुस्लिम महिलाओं ने संकटमोचन मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया था। उसी समय से हर रामनवमी पर भगवान श्रीराम की आरती उतारना मुस्लिम महिलाओं के लिए परंपरा बन गया है।