अलीगढ़ : महाराष्ट्र से यूपी तक चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मुस्लिम छात्र ने बाब ए सैयद गेट के बाहर हनमान चालीसा और गायत्री मंत्र का पाठ कर साम्प्रदायिक सदभाव बनाए रखने का संदेश दिया। एएमयू के मुस्लिम छात्र ने कैंपस के बाहर हनुमान चालीसा व गायत्री मंत्र का पाठ किया। हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र पढ़कर उन्होंने आपसी भाईचारे व एकता का संदेश दिया।इस दौरान बीए के छात्र फरीद मिर्जा ने कहा कि अगर हिंदू समाज केलोगों को लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजानी है तो जरूर बजाएं लेकिन मस्जिद में होने वाली अजान का भी विरोध न करें। दोनों धर्म केलोग आपसी प्रेम और सद्भाव से रहे और एक दूसरे के धर्म को बराबर सम्मान दें।
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क्या कहा फरीद मिर्जा ने ?
फरीद मिर्जा ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करके वह संदेश देना चाहते हैं जिससे कि धार्मिक एकता की खूबसूरती को बदनाम न हों। साथ ही हिंदू समाज के लोग यदि लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहते हैं तो जरूर करें। इससे मुस्लिम समाज के किसी भी व्यक्ति को कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन ऐसा करने के दौरान मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों को निशाना न बनाएं ताकि किसी तरह का धार्मिक विवाद उत्पन्न न हो।छात्र ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियां लाभ लेने केलिए आपसी प्रेम सदभाव को बिगाड़ रही है। इसी केचलते लाउडस्पीकर विवाद खड़ा किया गया है। कहा कि में हनुमान चालीसा, गायत्री मंत्र और अन्य किसी वेद पुराण के स्लोगन से कोई आपत्ति नहीं है।
राजनीतिक लाभ लेने केलिए आपसी प्रेम सदभाव को बिगाड़ रही हैं पार्टियां
छात्र ने यह भी कहा कि राजनीतिक पार्टियां लाभ लेने केलिए आपसी प्रेम सदभाव को बिगाड़ रही है। इसी केचलते लाउडस्पीकर विवाद खड़ा किया गया है। कहा कि में हनुमान चालीसा, गायत्री मंत्र और अन्य किसी वेद पुराण के स्लोगन से कोई आपत्ति नहीं है।
हनुमान चालीसा का पाठ और गायत्री मंत्र का जाप गैर मुनासिब
छात्र द्वारा हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र के जाप पर मदरसा जामिया हुसैन अहमद मदनी के मोहतमिम मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि हम भी भाईचारा चाहते हैं और मुल्क में भाईचारा कायम भी रहना चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दूसरे के धर्मों के नियमों और उसूलों रिवाज़ों को इखतियार किया जाए यह मुनासिब नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाईचारे के लिए हम हिंदू भाइयों को नमाज के लिए बुलाएं बकरा ईद पर मांस खाने के लिए कहें या इस्लाम धर्म के अन्य फर्ज़ो को मानने के लिए कहें यह सब मुनासिब नहीं है ये शरीयत में नहीं हैल इसी तरह दूसरे लोग मुसलमानों को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए या गायत्री मंत्र पढ़ने के लिए कहे तो वह भी मुनासिब नहीं है। उन्होंने कहा कि एएमयू के छात्रों ने भाईचारे को बढ़ाने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का जाप किया वह मुनासिब नहीं है