Homeदेशबिहार में मैगी से जल्दी बनती है शराब !

बिहार में मैगी से जल्दी बनती है शराब !

पटना : बिहार में शराब पीने और बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध है लेकिन शराब बेचने और बनाने का खेल बिहार में जारी है। सूबे में ब्रांडेड कंपनियों की नकली शराब धड़ल्ले से बनाई जा रही है। ऐसे में पुलिस लगातार कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में पटना में चल रहे मिनी शराब फैक्ट्री का पुलिस ने खुलासा किया है। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस का कहना है कि शराब बनाने के इस खेल में बड़े और नामचीन लोग भी शामिल हैं।

अब तक चार लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही बड़े और चर्चित लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। शराबबंदी कानून को तोड़ने वाला चाहे कोई हो उसे बख्शा नहीं जाएगा। मिनी शराब फैक्ट्री का खुलासा करने के संबंध में पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में मात्र दो मिनट में शराब बन कर तैयार हो जाती थी। होम्योपैथी दवाई बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल और मटेरियल का इस्तेमाल कर शराब तैयार की जा रही थी। फिर ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगा कर 50 से 100 रुपये की लागत से बनाई गई शराब की एक बोतल हजारों रुपए में बेची जाती थी।

बता दें कि पटना पुलिस की विशेष टीम ने होम्योपैथी दवा में इस्तेमाल होने वाली सर्जिकल स्प्रिट से नकली विदेशी शराब बनाने वाली तीन फैक्ट्रियों को खोज निकाला है। साथ ही शराब के निर्माण और बिक्री के सिंडिकेट से जुड़े चार आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है। आरोपितों में मधुबनी जिला निवासी बबलू कुमार, पटना पत्रकार नगर थाना क्षेत्र निवासी अरविंद कुमार मिश्र, खाजेकला के गुरहट्टा निवासी संजय कुमार और अगमकुआं के बड़ी पहाड़ी निवासी सन्नी कुमार शामिल हैं। एक चिकित्सक रवि रंजन झा का नाम भी सामने आया है, जो सिंडिकेट को स्प्रिट सप्लाई करता था।

गिरफ्तारी होने पर ही होगा खुलासा
पुलिस ने बताया है कि अभी कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है। अनुसंधान के बाद गिरफ्तारी होने पर ही खुलासा करना उचित होगा। फैक्ट्रियों से भारी मात्रा में खाली शराब की बोतलें, विभिन्न शराब कंपनियों के रैपर, बंगाल, झारखंड व हरियाणा के उत्पाद विभाग की नकली बार कोड छपी शीट, निर्मित शराब से भरी बोतलें आदि बरामद की गई हैं। इसके अलावा स्कूटी भी जब्त की गई है। सिटी एसपी (पूर्वी) प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि सिंडिकेट से जुड़े आरोपितों की पहचान की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाएगी। एसपी ने बताया कि सिंडिकेट से जुड़े लोग दूसरे राज्यों से विदेशी शराब मंगवाते हैं। फिर, एक बोतल शराब पांच खाली बोतलों में भरी जाती है। बोतल के खाली हिस्से में स्प्रिट, डिस्टिल वाटर और रंग डाला जाता है। इसके बाद बोतल के ढक्कन पर लगी सील को हाथ से इस तरह दबाकर फिक्स करते हैं और उस पर ऐसे बार कोड का स्टीकर चिपका देते हैं कि एक झलक में असली और नकली में फर्क करना मुश्किल है।

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एसपी ने बताया कि पत्रकार नगर थाना पुलिस ने पहले डिलीवरी ब्वॉय बबलू को 2 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार किया। उसके बाद उसने जो खुलासे किए उसके तहत पत्रकार नगर थाना के विजय नगर स्थित अरविंद मिश्रा के मकान में अवैध शराब फैक्ट्री के संचालन की सूचना मिली। पुलिस ने मकान के ग्राउंड फ्लोर में छापेमारी कर जब उसे हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की गई, तब उसने गौरीचक के अजीम चौक स्थित तीन मंजिले मकान में गोदाम होने की जानकारी दी। बताए गए पते पर दबिश देने पर अरविंद कुमार मिश्रा को नकली शराब बनाते हुए पकड़ा गया। उसी की निशानदेही पर बाकी के दो आरोपितों संजय और सन्नी की आलमगंज इलाके से गिरफ्तारी हुई। सन्नी के मकान में तैयार माल को रखा जाता था। बताया जाता है कि ये लोग एक बोतल शराब से दस गुना अधिक मुनाफा कमाते थे।

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