अमेठी :राजेश सोनी : यूपी में दोबारा योगी सरकार बनने के बाद भू माफियाओं पर एक बार फिर शासन-प्रशासन ने शिकंजा कस जा रहा है। तो दुसरी तरफ भूमाफियाओं का काम और भी तेज हो गई है । वहीं राजस्व अभिलेखों में दर्ज सुरक्षित जमीन की जिन्हें रखवाली का जिम्मा है उन्हीं पर सरकारी जमीन पर कब्जा कराने के आरोप लग रहे हैं।
जिम्मेदार अधिकारी सरकारी जमीनों पर कब्जा कर निर्माण कर रहे भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हीं की पैरवी करते फिर रहे हैं। करोड़ो की बेश कीमती अराक्षित जमीन पर कब्जा कर अराक्षित जमीन पर अवैध तरीके से स्कूल और मार्केट बनवाया ।इस मामसे में उपजिला अधिकारी से शिकायत के बाद भी कार्यवाई नही हुई। अमेठी कोतवाली के माँगा पुर भीम गाँव का मामला।
जिले में ओरछा क्षेत्र की सबसे अधिक भूमि सरकारी घोषित
निवाड़ी में 100 करोड़ से अधिक की भूमि सरकारी दस्तावेजों में शामिल हो गई है। करीब 240 एकड़ जमीन पर भू-माफिया का अवैध कब्जा था। भूमाफियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करोड़ो की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे कर लिए थे। इनमें ज्यादातर बेशकीमती जमीने पर्यटन नगरी ओरछा की हैं जिनकी निवाड़ी कलेक्टर ने जांच कर सभी को सरकारी घोषित कर दिया है।
गौरतलब है कि निवाड़ी में अवैध कब्जे को लेकर कलेक्टर लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। अब तक करीब 43 प्रकरणों में कार्रवाई की गई है। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि ऐसे 43 प्रकरण हैं जिनमें करीब 235 एकड़ से अधिक भूमि को सरकारी संपत्ति में शामिल किया गया है यह भूमि पहले सरकारी थी, लेकिन विभिन्न कारणों या अवैध तरीके से निजी लोगों ने कब्जा कर लिया था। इस भूमि की बाजारु कीमत करीब सवा सौ करोड़ रुपए से ज्यादा है।
निवाड़ी जिले के ओरछा तहसील में आने वाले प्रतापपुरा में 9 बबेड़ी जंगल में, 15 ओरछा खास में, 7 रूदमकोरा में, 7 जिजौरा में, 1 कुम्हरा की जमीनों को सरकारी घोषित किया गया है। इनमें कई उद्योगपतियों की सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की जमीनें शामिल हैं। जिसे बिना अनुमति के कूट रचित दस्तावेजों के जरिए अपने कब्जे में ले लिया गया था। प्रशासनिक कार्यवाही के बाद सफेदपोश समेत माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
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