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जानें हवन में आम की लकड़ी का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है

हिंदू धर्म  में पूजा-पाठ के बाद हवन करने का विधान है. हर शुभ कार्य में हवन  कराया जाता है. मान्यता है कि हवन कराने से हर शुभ कार्य में सफलता प्राप्त होती है. मौका विवाह का हो, गृह प्रवेश का हो या फिर ग्रह दोष के लिए हवन कराना हो. कहा जाता है कि हवन कराने से आसपास का वातावरण  भी शुद्ध हो जाता है. क्या आपके मन में कभी यह विचार आया है कि हवन में आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है? अगर नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि क्यों हवन में आम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है. आज की इस कड़ी में हम जानेंगे हवन में आम की लकड़ी के उपयोग के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व के बारे में.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी जातक की कुंडली में अगर किसी प्रकार का ग्रह दोष है तो उसे हवन द्वारा शांत कराया जाता है. हवन में आम की लकड़ी का प्रयोग किया जाना चाहिए. कहा जाता है ग्रह दोष की शांति के लिए कराए जाने वाले हवन में आम की लकड़ी के इस्तेमाल से फायदा होता है. साथ ही आम की लकड़ी से हवन कराने पर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता का संचार होता है.

हिंदू धर्म में शादी-विवाह के समय फेरे लिए जाते हैं. जिसमें हवन के चारों तरफ घूमकर सात हीरो को पूरा करने का रिवाज होता है. इस हवन में भी आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल किया जाता है. मान्यता है कि आम की लकड़ी से विवाह का हवन करने पर नव विवाहित वर वधु के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियां आती हैं.

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हवन में आम की लकड़ी का वैज्ञानिक महत्व
अध्ययन में पाया गया है कि आम की लकड़ी जलती है तो फॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस निकलती है. इस गैस से खतरनाक बैक्टीरिया खत्म होते हैं साथ ही टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारी के जीवाणु को भी यह गैस खत्म करती है. एक रिसर्च के मुताबिक यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाए तो इसके धुएं से खतरनाक रोग फैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है.

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