एस्ट्रो डेस्क : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। रविवार 21 नवंबर, दूसरी तारीख 05:31:00 बजे तक फिर तीसरी तारीख। दूसरी तिथि के स्वामी ब्रह्म देव हैं और तीसरी तिथि के स्वामी पार्वती शिव हैं। रविवार की सुबह एक तांबे के बर्तन में लाल चंदन, गुड़ और लाल फूल रखें और भगवान सूर्य को प्रसाद चढ़ाएं।
आज क्या करें और क्या न करें
रविवार के दिन पश्चिम की ओर नहीं जाना चाहिए, यात्रा करनी हो तो घी पीकर घर से बाहर निकलें। इस दिन बैंगन और नींबू खाना वर्जित है और यह तिथि शाही काम और श्रृंगार आदि के लिए शुभ होती है। नीचे दिन के शुभ समय, दिशा का स्थान, राहुकाल और गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है।
21 नवंबर 2021 दिन – रविवार पंचाग
सूर्योदय: – 06:39:00 पूर्वाह्न
सूर्यास्त:- 05:21:00 अपराह्न
विक्रम संवत – 2078
शॉक संबत – 1943
दर्पण:- दक्षिणायन
रितु :- हेमंत ऋतु
मास:- मार्गशीर्ष मास
साइड:- ब्लैक साइड
दिनांक:- दूसरी तिथि 05:31:00 बजे तक और फिर तीसरी तिथि
तिथि स्वामी :- दूसरी तिथि के स्वामी ब्रह्मा देव हैं और तृतीय तिथि के स्वामी पार्वती शिव हैं।
सितारा:- हिरण 08:06:00 बजे तक और फिर गीला
अतिरिक्त: – 29:48:00 तक उत्तम और फिर व्यावहारिक
गुलिक काल:- 02:46:00 से 04:05:00 तक गुलिक काल की शुभकामनाएं
राहुकाल :- आज का राहुकाल 04:05:00 बजे से 05:25:00 तक
तिथि का महत्व :- इस दिन बैंगन और नींबू खाना वर्जित है और यह तिथि शाही कार्य और श्रंगार के लिए शुभ होती है।
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