Keral Me Zika Virus : Keral Me Zika Virus Ke Badh Rahe Mamle , zika virus in kerala , zika virus cases in kerala , kerala me zika virus , keral me zika virus
27 जनवरी 2020 को केरल में देश का पहला कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया था जिस के करीब डेढ़ साल बाद अब देश का दक्षिणी राज्य जीका वायरस के कारण चर्चा में बना हुआ है राजधानी तिरुवंतपुरम में बीते सप्ताह से जीका वायरस के 19 मामले सामने आ चुके हैं जिसमें एक 24 साल की गर्भवती महिला भी शामिल है। Keral Me Zika Virus
यह जीका वायरस वही है जिसके कारण दुनिया में पिछले कुछ सालों से कई देशों में बेहद छोटे और आविकसित वाले बच्चे जन्म ले रहे हैं वहीं केरल में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद पड़ोसी राज्य कर्नाटक तमिलनाडु के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है साथ ही केरल के सभी जिलों में वायरस और मच्छरों से निपटने के लिए नियमित तरीके से फागिंग और अस्पतालों में खास जांच भी शुरू कर दी गई हैं।
अब ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि आखिर जी का वायरस है क्या? और इसे लेकर सरकारे इतनी चिंतित क्यों है? साथ ही अगर यह वायरस खतरनाक है तो इससे किस तरह बचा जा सकता है?
आखिर जीका वायरस क्या है?
जीका फ्लेविवैराइड फैमिली का एक वायरस है जोकि डेंगू येलो फीवर दिमागी बुखार और वेस्ट नाइल वायरस फैलाने वाले एडिज प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है।
इस वायरस का नाम युगांडा के जी का जंगलों के नाम पर पड़ा है इसी जंगल में 1947 में पहली बार बंधुओं को आइसोलेट किया गया था जिसके 5 साल बाद युगांडा और तंजानिया में पहली बार इंसानों में पाया गया वहीं 2007 में आईलैंड याप में जीका वायरस पहली बार फैला और फिर इसके बाद 2013 में जीका वायरस काफी बड़े स्तर पर कई छोटे-छोटे देशों में फैलने लगा। Keral Me Zika Virus
आखिर जीका वायरस को खतरनाक क्यों माना जाता है? और इससे क्या बीमारी होती है?
माइक्रो सेफली की वजह से जीका वायरस को खतरनाक माना जाता है वहीं यह वायरस गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने पर उनके गर्भस्थ शिशु में भी चला जाता है जिस कारण शिशु गर्भ में ही इसका शिकार हो जाता है और फिर जन्मजात विकार के कारण बच्चे का सिर दूसरे हमउम्र बच्चों के मुकाबले काफी छोटा होता है वही इसका असर नवजात ओं के मस्तिष्क पर भी पड़ता है जिस कारण उनका ठीक से विकास नहीं हो पाता। Keral Me Zika Virus
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक ब्राजील के साथ-साथ जिन देशों में भी जीका का प्रकोप फैला वहां पर गिलेन बेरी सिंड्रोम के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई यह एक तरह का न्यूरोलॉजिकल बेकार है जो कि इंसान में लकवा और मौत का कारण बन सकता है।
क्या है जीका वायरस के लक्षण?
Keral Me Zika Virus
जीका वायरस से संक्रमित होने वाले बहुत से लोगों में कभी-कभी कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता है तो वहीं कुछ लोगों में काफी हल्के लक्षण दिखते हैं।
आम तौर पर देखा जाए तो जीका वायरस के लक्षण 2 से 7 दिनों तक किसी भी व्यक्ति में दिखाई देते हैं हालांकि लोग इतना बीमार नहीं पड़ते कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़े साथ ही इस वायरस के कारण मृत्यु की आशंका भी काफी कम होती है वहीं बहुत से लोगों को तो इससे संक्रमित होने का पता भी नहीं चलता।
दरअसल जीका वायरस के लक्षण मच्छरों से काटने से होने वाली दूसरी बीमारियों जैसे ही होते हैं और इनमें कुछ हद तक डेंगू और चिकनगुनिया जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं।
जिस व्यक्ति को सिर दर्द हल्का बुखार मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द महसूस होता है वही कभी-कभी व्यक्ति के शरीर पर लाल रंग के चकत्ते भी पड़ने लगते हैं और आंखों में भी लालपन हो जाता है।
जीका वायरस के लिए अभी तक कोई भी वैक्सीन नहीं बनी है इसलिए इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका अक्षरों के जरिए इस वायरस को फैलने से बचाने वाले उपाय हैं।
जीका वायरस से बचाव के उपाय
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* इस वायरस और मच्छरों से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने।
* ऐसी जगहों पर रहने की कोशिश करें जहां या तो ऐसी लगी हो या फिर खिड़की दरवाजों और रोशनदान में जाली लगी हो।
* घर के किसी भी हिस्से में पानी का जमाव ना होने दें।
* गर्भवती महिलाओं या नवजात ओं को स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित मॉस्किटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें।
* छोटे बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें।
* किसी भी ऐसी जगह पर ना जाए जहां जीका वायरस के मामले मिल रहे हो।
भारत में कब फैला जीका वायरस?
जीका वायरस का पहला केस भारत में 1952 से 53 के बीच में पाया गया वही साल 2018 में राजस्थान में जीका वायरस के 80 मामले सामने आए थे साथ ही 2017 में गुजरात के अहमदाबाद जिले के बापू नगर इलाके में भी जीका वायरस के तीन मामले मिले थे इसी के साथ 2017 में तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में भी एक मामला सामने आया था।
Written By : Shruti Dixit
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