कोलकाता: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा का खास महत्व है। इन दोनों ही दिशाओं का आर्थिक संपन्नता से सीधा संबंध होता है। साथ ही इन दोनों दिशाओं में वास्तु दोष होने के कारण रुपए-पैसों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा घर की इन दिशाओं का गलत इस्तेमाल आर्थिक तंगी ला सकता है। ऐसे में जानते हैं कि घर की इन दिशाओं का सही उपयोग किस प्रकार करना चाहिए।
उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा का है खास महत्व
-उत्तर दिशा के स्वामी धन और समृद्धि के देवता कुबेर हैं। ऐसे में इस दिशा में घर की तिजोरी रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
-वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर की उत्तर दिशा में नीले रंग का एक पिरामिड लगाएं। इस दिशा में नीलें रंगा का पिरामिड रखने से धन का भंडार कभी खाली नहीं होता है। संभव हो इस दिशा में दीवारों का रंग भी नीला ही करवाएं।
-उत्तर दिशा में हमेशा कांच का बड़ा बाउल रखें। साथ ही उसमें चांदी के सिक्के डालकर रखें। ऐसा करने में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
-घर की पूर्व-उत्तर दिशा में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति जरूर रखें। साथ ही दिन में एक बार यहां दीया जरूर जलाएं। इसके अलावा इस स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसा करने से घर में रुपए-पैसों की तंगी नहीं रहेगी।
-घर की उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा या आंवले का पेड़ लगाने से भी लाभ होता है। इससे घर में आर्थिक संपन्नता बनी रहती है। इसके अलावा घर की उत्तर दिशा में पानी की व्यवस्था रखें।
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