तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों समेत 40 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। अब यह मामला अदालत के दरवाजे पर पहुंच गया है। आपको बता दे टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में जहां 10,000 लोगों की क्षमता थी, वहां करीब 27,000 लोग पहुंच गए। डीजीपी के अनुसार, विजय जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और उनका वाहन अंदर दाखिल हुआ। वह पहले से मौजूद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी उनके साथ अंदर घुस आए और पहले से मौजूद भीड़ में मिल गए। इससे अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और हालात बिगड़ गए।
विजय ने किया मुआवजे ऐलान, सीएम स्टालिन पहुंचे अस्पताल
अभिनेता विजय ने अपने संदेश में कहा कि उनका दिल टूट गया है और वह गहरे दुख में हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। विजय ने कहा “यह अपूरणीय क्षति है। आपके परिवार के सदस्य के रूप में मैं इस दुख में आपके साथ हूं। वही दूसरी तरफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन भी करूर पहुंचे और अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हरसंभव सरकारी मदद का भरोसा दिलाया और कहा कि सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
हाईकोर्ट से स्वतंत्र जांच की मांग – टीवीके
टीवीके ने बताया कि वह इस हादसे की स्वतंत्र जांच के लिए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच का दरवाजा खटखटाएगी। पार्टी का आरोप है कि यह भगदड़ आकस्मिक नहीं बल्कि ‘साजिश’ का परिणाम थी। टीवीके ने भीड़ में पथराव और कार्यक्रम स्थल पर पुलिस लाठीचार्ज की ओर भी इशारा किया। टीवीके के वकील अरिवाझगन ने एक निजी चैनल को बताया कि पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें अदालत से विशेष जांच दल (SIT) गठित करने या मामले को केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।
अरिवाझगन ने राज्य सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि करूर रैली में सुरक्षा दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ था। सूत्रों के अनुसार, मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एन. सेंथिलकुमार सोमवार शाम 4:30 बजे इस मामले में दायर तत्काल याचिका पर सुनवाई करेंगे। याचिका में मांग की गई है कि करूर भगदड़ की जांच पूरी होने तक टीवीके को किसी भी सार्वजनिक सभा आयोजित करने से रोका जाए।
टीवीके प्रमुख के आने से पहले हुई बत्ती गुल
बता दे कि हादसे के गवाहों ने बताया कि विजय के आने से ठीक पहले अचानक बिजली गुल हो गई। संकरी सड़कों और बढ़ती भीड़ ने अफरा-तफरी को और बढ़ा दिया। भगदड़ के बीच कई परिवार बिछड़ गए, महिलाएं और बच्चों का दम घुटने लगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स में भी कई मौतों का कारण दम घुटना सामने आया है। घटना स्थल पर बिखरे जूते-चप्पल, फटे कपड़े और टूटी बोतलें हादसे की भयावहता बयान कर रही थीं।
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