मूवी – मर्डर एट थ्री फ्लोर्स 302
निर्देशक- नवनीत बाज सैनी
कलाकार- इरफान खान, रणवीर शोर, दीपल शॉ, लकी अली
प्लेटफार्म-जी5
दिवंगत अभिनेता इरफान खान की फिल्म ‘मर्डर एट तिसरी मंजिल 302’ 14 साल बाद जी5 पर रिलीज हुई है। 20 महीने बाद इरफान खान को पर्दे पर देखकर दर्शकों को राहत मिलेगी। इस फिल्म का निर्देशन नवनीत बाज सैनी ने किया है। इस थ्रिलर फिल्म की कहानी एक बिजनेसमैन की है जिसकी पत्नी लापता है। फिल्म में रणबीर शोर ने एक बिजनेसमैन की भूमिका निभाई है। तेजिंदर सिंह (लकी अली) अभिषेक (रणबीर शोर) की पत्नी को खोजने का प्रभारी है।
फिल्म विश्लेषण
इस क्राइम थ्रिलर फिल्म में कई ऐसे ट्विस्ट एंड टर्न्स हैं, जिनसे दर्शक अंदाजा लगाते हैं कि माया का अपहरण कर लिया गया है या उसकी हत्या कर दी गई है या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। फिल्म में इरफान शेखर उर्फ चांद की भूमिका निभा रहे हैं, जो किसी तरह साजिश में शामिल है। इस फिल्म का स्क्रीनप्ले कमजोर है लेकिन फिर भी दर्शकों को बांधे रखता है। फिल्म परत दर परत खुलती है। स्क्रीनप्ले में किरदार ठीक से नहीं लिखे गए हैं। इनके अलावा, फिल्म में पुलिस द्वारा किए गए चुटकुले अनावश्यक लगते हैं और स्क्रीन पर निराशा व्यक्त करते हैं।
फिल्म में इरफान खान का वन लाइनर आपको पसंद आएगा। उन्होंने अपने किरदार को बखूबी पेश किया है। हालांकि दीपाल का इरफान के साथ रोमांस इतना असरदार नहीं लगता। दीपाल के किरदार को लिखने में कई गलतियां हैं। कभी-कभी उनका अभिनय समाप्त हो जाता है। लकी अली न तो देखने में मजाकिया हैं और न ही पुलिस की तरह।
रॉबी वालिया की सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है, जिसमें थाईलैंड के लोकेशन शामिल हैं। तस्वीर के गाने याद नहीं रहेंगे। यह 126 मिनट की फिल्म है जो बेवजह नहीं खींची गई है। ‘मर्डर एट तिसरी मंजिल 302’ आपको इरफान खान की याद में डुबो देता है लेकिन यह ऐसी फिल्म नहीं है जिसे आप याद रखना चाहते हैं। इसके बजाय आप ‘द लंचबॉक्स’, ‘पीकू’, ‘मकबूल’ जैसी फिल्में देख सकते हैं।
आपको देखना होगा क्यों
अगर आप इरफान खान के फैन हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं। फिल्म न देखने के कई कारण हैं। फिल्म देखने के बाद आपको गाने याद नहीं होंगे। इसके अलावा लेखक ने किरदारों को ठीक से नहीं लिखा, जिससे पर्दे पर उनकी एक्टिंग कमजोर नजर आई। फिल्म का क्लाइमेक्स भी सामान्य है, इसमें कुछ भी नया नहीं है जो आपको हैरान कर देगा।
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