नया साल 2022 का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है. हर किसी को उम्मीद है कि ये आने वाला नया साल जीवन में सुख और समृद्धि को लेकर आएगा. नया साल खास हो इसलिए घर में पूजा पाठ आदि भी करवाई जाती है. लोग अक्सर नये साल की शुरूआत मंदिरों में जा कर करते हैं. नए साल के दिन सभी भगवान को याद करते हैं ताकि फिर पूरे साल ही प्रभु की कृपा बनी रहे, भगवान का आशीर्वाद ले कर किसी भी नये कार्य की शुरूआत करना हमेशा शुभ होता है. ऐसे में नया साल भी इसमें से एक है.
इसके साथ ही आज हम आपको कुछ ऐसे खास उपाय बता रहे हैं जिनको नये साल की शुरूआत में करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलेगा. साथ ही नये साल में आपके जीवन में सुख-सुविधाओं और धन-संपदा का आगमन होगा.
1-श्री गणेश की आराधना
हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है, गणपति को प्रथम पूज्य माना जाता है. किसी भी नये कार्य या पूजा की शुरूआत से पहले सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ऐसे में नये साल के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें लाल सिंदूर का टीका लगाकर मोदक और दूर्वा अर्पित करें. कहते हैं कि नए साल पर ऐसा करने से आने वाले साल के सभी विघ्न और बाधाओं का नाश होगा और आपका सौभाग्य जागेगा.
2- यंत्र की पूजा
इस नये साल में मां लक्ष्मी की अगर कृपा चाहते हैं तो इस दिन श्री यंत्र की पूजा जरू करें. इसके बाद इस यंत्र को अपने पूजा घर या तिजोरी में रख दें. माना जाता है कि ऐसा करने सें मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और घर में धन-संपदा का आगमन होता है.
3-दक्षिणाव्रती शंख
दक्षिणाव्रती शंख को बहुत ही शुभ माना जाता है, इसको मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसे में इस नये साल में दक्षिणावर्ती शंख का पूजन अगर आप करते हैं तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी हैं और मां धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती रहेंगी.
4- तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा सनातन धर्म में सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है. हमेशा से माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का हरा-भरा पौधा मौजूद होता है वहां कभी भी किसी चीज की कनी नहीं होती है और घर धन धान्य से भरा रहता. इसके साथ ही तुलसी के पेड़ की मिट्टी में सिक्का दबाने से घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है.
5- कमल का फूल
इस नये साल पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजन में माता रानी को पांच कमल के फूल और सुंगधित ईत्र अर्पित करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद जरूर मिलता है.
नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.