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वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी आखिर कितना है कोरोना का जोखिम?

 संपादकीय : देश में टीकाकरण अभियान जोरों शोरों से चल रहा है जिसमें हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर टीकाकरण के आंकड़े ने 1 दिन के भीतर 2.5 करोड़ से ज्यादा खुराक लगाने का देश ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया था। केंद्र और राज्य सरकारें वैक्सीनेशन को लेकर तेजी से अभियान को चला रहे हैं और लगातार नागरिकों से वैक्सीनेशन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने को भी कहती नजर आ रहे हैं वहीं दुनियाभर में इस बात को लेकर भी चर्चा जारी है कि आखिर वैक्सीन लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा कितना बसता है इसलिए भी अहम है क्योंकि कई देशों में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी लोगों में संक्रमण के मामले देखे गए जिस वजह से ही लोग व्यक्ति लेने के बाद भी खौफ में रहते हैं हालांकि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों को भी को भी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है क्योंकि वैक्सीन कोरोना से 100 फ़ीसदी सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है।

इस पूरे मुद्दे को लेकर अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने एक अध्ययन किया है जिसमें अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक बेशक वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना से सुरक्षा की सौ फ़ीसदी गारंटी नहीं है लेकिन वैक्सीन लेने से अस्पताल जाने और मौत की आशंका बेहद कम हो जाती है।

जानकारी के मुताबिक दुनिया के कई हिस्सों में वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके व्यक्तियों में भी संक्रमण के मामले देखे गए लेकिन ऐसा बेहद कम ही रहा क्योंकि इस बात की वास्तविकता यह है कि वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित व्यक्ति की मौत और उसे अस्पताल ले जाने की संभावना बेहद कम रहती है जिसने टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि वैक्सीन लेने वाले 5000 लोगों में से सिर्फ एक को संक्रमण का खतरा है और रही बात संक्रमण फैलाने की तो जो वैक्सीन ले चुके हैं उनमें से 10000 में से एक में ही दूसरे को संक्रमण फैलाने का जोखिम है।

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वहीं अगर बात ऐसे लोगों की थी जाए जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है तो ऐसे लोगों के अस्पताल पहुंचने की आशंका 10 गुना ज्यादा रहती है। सीडीसी के एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग वैक्सीन ले चुके हैं वैक्सीन ना लेने वालों की तुलना में उन में कोरोना का खतरा 5 गुना कम है वहीं जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है उन्हीं संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचने की आशंका व्यक्ति लेने वालों की तुलना में 10 गुना ज्यादा है।

अध्ययन में कहा गया है कि संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचने के बाद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर बीमारी की गंभीरता ज्यादा है तो अस्पताल पहुंचना जरूरी है वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद अस्पताल पहुंचने की आशंका बेहद कम हो जाती है जो वैक्सीन के लिए एक बहुत बड़ी बात है।

वैक्सीन लेना सभी देशवासियों की जिम्मेदारी है ताकि वह संक्रमण से खुद का और अपने परिवार साथ ही अपने आसपास के लोगों का बचाव रख सकें ताकि संक्रमण फैलने का खतरा बेहद कम हो सके। और इस बात का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि जैसे-जैसे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है वैसे ही संक्रमण के मामलों में गिरावट भी देखी गई है जिसमें दिन-प्रतिदिन संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है और कहीं ना कहीं आंकड़ों के कम होने से तीसरी लहर की आशंका भी कम होती जा रही है हालांकि उसके लिए लोगों का सावधानीपूर्वक रहना और टीका लगवाना बेहद आवश्यक है।

ताकि देश को संक्रमण से जल्द से जल्द छुटकारा मिल सके और हम टीकाकरण के माध्यम से कोरोना को मात दे सके।

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