Himachal Me Phir Hua Landslide : Landslide Hone Se Badh Ke Halat Bane , landside in himachal , himachal me hua landslide , himachal me landslide se badh ki ashanka , himchal in danger cause of landslide
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में शुक्रवार सुबह लैंडस्लाइड होने से पहाड़ का मलबा चंद्रभागा नदी में जा गिरा। इससे नदी का बहाव रुक गया। नदी का पानी दो गांवों के कुछ घरों और खेतों में भर गया। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि पहाड़ का एक हिस्सा धीरे-धीरे दरकना शुरू हुआ और फिर मलबे ने नदी का रास्ता रोक दिया।
स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट डायरेक्टर सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि घटना के बाद एहतियात के तौर पर कुछ गांवों को खाली करा लिया गया। नदी की धारा रुकने से तरंग और जसरत गांवों के चार घरों तक पानी पहुंच गया। 30 बीघा खेतों में भी पानी भर गया। 5 गौशालाएं, एक भेड़ और एक बछड़ा इसमें बह गए। कुछ समय बाद नदी का बहाव दोबारा शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से की बात
Himachal Me Phir Hua Landslide
सुदेश कुमार ने बताया कि मिट्टी की जांच के लिए सॉइल स्टडी टीम मौके पर भेजी गई है। किसी अनहोनी से निपटने के लिए NDRF की टीम को कुल्लू में स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है। उदयपुर में रहने वाले बीर बहादुर सिंह ने बताया कि चंद्रभागा नदी का बहाव उदयपुर सब डिवीजन के नलादा और जसरत के बीच जहालमन गांव के पास रुका था।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की। उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। ट्राइबल डेवलपमेंट मिनिस्टर राम लाल मारकंडा, चीफ सेक्रेटरी राम सुभाग सिंह और DGP संजय कुंडू ने नदी के ब्लॉक होने से बने हालात की समीक्षा की है।
पड़ोसी देश तक बहती है नदी
परी हिमालय के टांडी में चंद्रा और भागा नदियों के संगम से बनने की वजह से इस नदी को चंद्रभागा कहा जाता है। कश्मीर में यही चिनाब के नाम से जानी जाती है। यह सिंधु नदी की एक सहायक नदी है। यह जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होकर पंजाब और पाकिस्तान के मैदानी इलाकों में बहती है। इस नदी का पानी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल समझौते की शर्तों के हिसाब से बांटा जाता है।
लगातार हो रही लैंडस्लाइड
Himachal Me Phir Hua
इसी हफ्ते बुधवार को किन्नौर में लैंडस्लाइडिंग होने से बड़ा हादसा हुआ था। शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 पर ज्यूरी रोड के निगोसारी और चौरा के बीच अचानक एक पहाड़ दरकने से चट्टानें एक बस और कुछ गाड़ियों पर जा गिरीं। इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी।
इस महीने की शुरुआत में सिरमौर जिले में पहाड़ी खिसकने की वजह से नेशनल हाईवे तबाह हो गया था। सैकड़ों की संख्या में लोग रास्ते में फंस गए। कई घंटों तक लंबा जाम लगा रहा। हादसा शिलाई सबडिवीजन के काली खान इलाके में हुआ था।
इससे पहले किन्नौर जिले में भूस्खलन के बाद पहाड़ी से चट्टानें गिरने से बस्पा नदी का पुल टूट गया था। इस हादसे में 9 टूरिस्ट की मौत हो गई थी। मरने वालों में 4 राजस्थान के, 2 छत्तीसगढ़ के और एक-एक महाराष्ट्र और वेस्ट दिल्ली के थे।
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