नई दिल्ली : गेहूं की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने बढ़ा फैसला किया है। शनिवार को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया। गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को समर्थन करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था।
इस बीच आपको बता दें कि जिन देशों को पहले ही इसके निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है, उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा है कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, की अनुमति होगी। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से पूरी दुनिया में गेहूं की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। भारत में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है। कई प्रमुख राज्यों में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी सुस्त चल रही है और लक्ष्य से काफी कम गेहूं की खरीदारी हुई है। इसकी वजह यह है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है।
चीनी निर्यात में भारत दुनिया में नंबर-2
चीनी निर्यात के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। पूरी दुनिया में सिर्फ ब्राजील है, जो भारत से अधिक चीनी करता है। ऐसे में अगर मोदी सरकार चीनी पर बैन लगाती है तो कई देशों को बड़ी दिक्कत आ सकती है।
पिछले ही हफ्ते गेहूं निर्यात किया गया बैन
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद पूरी दुनिया में गेहूं की भारी किल्लत हो गई थी, क्योंकि ये दो देश निर्यात का करीब 25 फीसदी हिस्सा कवर करते हैं। ऐसे में भारत की तरफ से गेहूं का निर्यात तेजी से बढ़ने लगा। निर्यात अधिक होने के चलते भारत में गेहूं की कीमतें भी बढ़ने लगीं। आखिरकार कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले ही हफ्ते सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया था।
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