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14 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास, विवाह समेत ये मंगल कार्य बंद

कोलकाताः सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है और जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है। ऐसे में बीमारियां और रोग बढ़ते हैं। लोगों के मन में खूब सारी चंचलता आ जाती है। इस समय ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं, इसलिए इसे धनु खरमास भी कहते हैं। इस बार खरमास 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहने वाला है।

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किसी भी विवाह का सबसे बड़ा उद्देश्य सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। धनु राशि को सम्पन्नता और भाग्य की राशि माना जाता है। इस समय सूर्य धनु राशि में चला जाता है, जिसको सुख समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस समय अगर विवाह किया जाए तो न तो भावनात्मक सुख मिलेगा और न ही शारीरिक सुख प्राप्त होगा। साथ ही हर तरह से भाग्य कमजोर होने की स्थिति बन जाएगी।

खरमास में अगर मकान बनाया जाए तो उसका सुख मिल पाना काफी कठिन होगा। अगर ऐसा प्रयास किया जाए तो काम बीच में बाधाओं के कारण रुक भी सकता है। कभी-कभी दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बन जाती हैं। इस अवधि में बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है।

धनु खरमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलें बढ़ाता है। ऐसे में खर्चे काफी बढ़ सकते हैं। इस अवधि में शुरू किए हुए व्यवसाय बीच में रुक जाते हैं या व्यवसाय में काफी कर्ज हो हो सकता है, जिसका हर्जाना आपको लंबे समय तक भुगतना पड़ सकता है।

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इस अवधि में अन्य मंगल कार्य भी वर्जित होते हैं, क्योंकि धनु राशि यानी अग्नि भाव में सूर्य का होना इस अवधि में चीजों को बिगाड़ सकता है। साथ ही साथ इस अवधि के किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है। जो कार्य नियमित रूप से हो रहे हों उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं है। गया में श्राद्ध भी इस अवधि में किया जा सकता है, उसकी भी वर्जना नहीं है।

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