बच्चों की खान-पान की बदलती आदतें उन्हें गंभीर समस्याएं दे रही हैं। खराब खान-पान से बच्चों के दांत भी खराब हो रहे हैं। वैसे तो कोल्ड-ड्रिंक और चिप्स जैसी चीजें किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं होती हैं, मगर बच्चों को इन चीजों से दूर रखना थोड़ा मुश्किल होता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन चीजों के ज्यादा सेवन से बच्चों के दांतों के इनेमल पर असर पड़ता है और वे कमजोर पड़ जाते हैं। इसका प्रमुख कारण इन चीजों में पड़ी हानिकारक चीजें हैं, जैसे- सोडा और एसिड्स। जानिए रिसर्च के बारे में सब कुछ……
कहां हुई है रिसर्च ?
यह रिसर्च हार्वर्ड स्कूल ऑफ डेंटल मेडिसिन द्वारा की गई थी, जहां उन्होंने इनेमल को लेकर एक रिसर्च की और पाया कि विटामिन-डी की कमी से दांतों में कमजोरी आ जाती है। शरीर में विटामिन-डी कम होने का प्रमुख कारण कोल्ड-ड्रिंक्स और चिप्स का बढ़ता सेवन है।
कोल्ड ड्रिंक और चिप्स की खपत बढ़ी
दुनिया के कई हिस्सों में, विशेष रूप से शहरी इलाकों में, ठंडे मीठे ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड्स की खपत हाल के वर्षों में बढ़ गई है। इन चीजों से बच्चे सीधे आकर्षित होते हैं। असल में इसका कारण रंगीन पैकेजिंग, टेस्ट और किफ़ायती कीमतें हैं। कोल्ड-ड्रिंक, सोडा, एनर्जी ड्रिंक और फ्लेवर्ड वाटर आमतौर पर चीनी और एसिड से भरे होते हैं। इसी तरह, चिप्स – जिसमें स्टार्च और नमक की मात्रा अधिक होती है, जो बच्चों के दांतों को नुकसान पहुंचाती है।
क्या कारण हैं दांतों के खराब होने का ?
रिसर्च में पाया गया है कि दांतों के खराब होने के लिए जीन्स और प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण न लेना भी कारण हो सकता है। उनका मानना है कि अगर माता-पिता भी दांतों की परेशानी से जूझ रहे हैं तो बच्चों में ऐसा होना साधारण है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान मां को पर्याप्त मात्रा में पोषण न मिलने से भी पेट में पल रहे शिशु के दांत खराब हो सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज, जो बच्चों में भी एक सामान्य समस्या बन चुकी है, भी दांतों की कमजोरी का एक कारण हो सकता है।
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