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जल के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। जल ही जीवन है ऐसा तो आपने सुना होगा क्योंकि हमारा शरीर लगभग 60% पानी से ही बना होता है ऐसे में भारत में हम अक्सर पानी की कमी और उपलब्धता को लेकर तमाम तरह की खबरें सुनते हैं
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के कुछ ऐसे हिस्से भी हैं जहां पर पानी के लिए अपनी आय का 50 फ़ीसदी तक का हिस्सा खर्च करना पड़ता है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार अगर हमने समय रहते पानी के बचाव को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए Catch The Rain Abhiyan
समय रहते नहीं संभलें तो होगी समस्या
और यदि पानी की महत्वपूर्णता को नही समझा तो हमारी स्थिति भी कुछ ऐसी होगी कि हमें भी अपनी आय का 50 फ़ीसदी हिस्सा पानी के लिए खर्च करना पड़ेगा पानी हमारी पहुंच से कहीं बहुत दूर हो जाएगा गर्मी के मौसम में जब तपन बढ़ने लगती है तब लोग पीने योग्य पानी के लिए तरसते हैं।
एक समय था जब जगह-जगह नदियां तालाब नहर में दिखाई देते थे लेकिन अब विश्व ने औद्योगिकीकरण की राह पर कदम बढ़ा लिए हैं जिस वजह से काफी हद तक इस नए विश्व में बदलाव आया है अब तालाब कुँए नहर नदियां सूखती जा रही हैं।
“गंगा” सबसे दूषित नदी की सूची में
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यहां तक कि भारत की सबसे पावन नदी पूजनीय गंगा दुनिया की सबसे दूषित नदियों की सूची में शामिल हो गई है। इसके साथ ही कई नदियों का पानी भी समय के साथ दूषित होता जा रहा है इसमें इतना प्रदूषण फैल चुका है कि जल में रहने वाले जीव इन नदियों में रह नहीं सकते Catch The Rain Abhiyan
नदियों का पानी दूषित होने के साथ कम होता जा रहा है लोगों के बीच जल संकट गहराता जा रहा है विश्व भर के लोगों को जल की महत्वता समझाने और लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए यह दिवस मनाया जाता है
देखा जाए तो दुनिया में जल की किल्लत देखते हुए करीब 32 साल पहले ही भविष्यवाणी की गई थी कि अगर समय रहते इंसानों ने जल के महत्व को नहीं समझा तो अगला विश्वयुद्ध जल को लेकर होगा बताया जा रहा है कि यह भविष्यवाणी संयुक्त राष्ट्र के छठे महासचिव बुतरस घाली ने की थी। Catch The Rain Abhiyan
कब से शुरू हुई योजना
1993 से इस आयोजन की नींव रखी गई थी उस समय इसका उद्देश्य था दुनिया के मीठे और पीने योग्य पानी का महत्व लोगों को समझाना इसके साथ ही बचाव के लिए भी वैश्विक तौर पर उपाय किए जा सकें
यानी कि पानी की कमी और अन्य मुद्दों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिवस की स्थापना की गई थी। इस वर्ष विश्व जल दिवस का थीम है वैल्यूइंग वॉटर।
वैल्यूइंग वॉटर का मतलब है लोगों के लिए पानी का क्या मतलब है यह कितना कीमती है और इस महत्वपूर्ण संसाधन की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी साफ पानी मिल सके ।
प्रधानमंत्री ने कैच द रैन अभियान का किया शुभारम्भ
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भारत के प्रधानमंत्री ने भी विश्व जल दिवस के अवसर पर जल शक्ति अभियान – कैच द रेन की शुरुआत की।इस दौरान प्रधानमंत्री ने जल संकट से निपटने के उपायों को अपनाने वाले कर्नाटक के बीदर, राजस्थान के बूंदी व उत्तराखंड के टिहरी पंचायतों से चर्चा की।
जल संरक्षण पर प्रधानमंत्री ने कहा भारत में पानी की समस्या के समाधान के लिए कैच द रेन की शुरुआत के साथ ही केन बेतवा लिंक नहर के लिए भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था उसे साकार करने के लिए Catch The Rain Abhiyan
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन बेतवा लिंक परियोजना से संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा उतना ही भूमिगत जल पर देश की निर्भरता कम होगी इसलिए कैच द रेंज ऐसे अभियान चलाए जाने और सफल होना जरूरी है
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हो या हर खेत को पानी अभियान पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान हो या नमामि गंगे मिशन जल जीवन मिशन हो या अटल भूजल योजना सब पर तेजी से काम हो रहा है। Catch The Rain Abhiyan
Written By : Sheetal
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