शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटा दिया गया है | दरअसल उनकी गिरफ्तारी के बाद सीएम ममता बनर्जी विपक्ष के निशाने पर आ गई थीं और उन पर पार्थ चटर्जी के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया था | आज कैबिनेट की बैठक के बाद पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया गया | इस संबंध में बंगाल सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया |
इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि, अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए | पार्टी भी कार्रवाई करेगी, लेकिन हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है | एक समयसीमा होनी चाहिए , जिसके अंदर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए | अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए | मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की आलोचना करती हूं |’
ईडी की हिरासत में पार्थ चटर्जी
शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है | सोमवार को कोलकाता की कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया | ईडी ने चटर्जी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत मांगी थी |
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारकर 20 करोड़ रुपए और जेवर बरामद किए थे | वहीं बुधवार को भी अर्पिता मुखर्जी के तीन अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी गई , जहां से करीब 20 करोड़ कैश और 3 किलो सोना बरामद किया गया था |
वहीं अर्पिता मुखर्जी ने कथित तौर पर दावा किया कि टीएमसी मंत्री पार्थ चटर्जी उनके घर में पैसे जमा करते थे और इसे “मिनी-बैंक” की तरह इस्तेमाल करते थे. सूत्रों ने कहा कि अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया है कि “सारा पैसा एक कमरे में रखा जाता था , जिसमें केवल पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही प्रवेश करते थे |”
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