नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी में MCD के अवैध निर्माण को हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में बुधवार को जारी एमसीडी के कब्जे विरोधी अभियान पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि जहांगीरपुरी में बेदखली अभियान के खिलाफ अपील पर कल सुनवाई होगी.सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि कब्जा विरोधी अभियान के दौरान दोपहर 2 बजे कहा गया था लेकिन तोड़फोड़ सुबह 9 बजे शुरू हुई. याचिका में राज्यों को निर्देश देने की मांग की गई है कि बिना कोर्ट की अनुमति के किसी का भी घर या दुकान नहीं गिराया जा सकता।
दरअसल, दिल्ली के जहांगीरपुरी के हिंसा प्रभावित इलाके में कब्जा विरोधी अभियान बुधवार सुबह नौ बजे शुरू हुआ. सड़क पर बुलडोजर के अवैध कब्जे को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई और सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर को ब्रेक दे दिया. ऑपरेशन में बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। एनडीएमसी के मेयर राजा इकबाल सिंह ने इस कदम को नियमित अभियान बताया।
यह आदेश केवल दिल्ली के लिए- सुप्रीम कोर्ट
दरअसल, दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से जुड़ीं सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और जहांगीरपुरी मामले में यथास्थिति का आदेश जारी रखा. हालांकि, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यथास्थिति का यह आदेश सिर्फ दिल्ली के लिए है. बाकी राज्य अपना जवाब दाखिल करेंगे और फिर आगे की सुनवाई होगी. बता दें कि यह सुनवाई जमीअत उलेमा ई हिंद की याचिका पर हुई, जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल शामिल हुए थे.
दवे के आरोप पर तुषार मेहता का जवाब
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर अभियान के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने किसी खास समुदाय को टारगेट कर कार्रवाई करने का आरोप लगाया. हालांकि, इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह आरोप सरासर गलत है. तुषार मेहता ने कहा कि पांच नोटिस जारी करने के बाद ही तोड़फोड़ शुरू की गई.
दवे के आरोप पर तुषार मेहता ने कहा कि मध्य प्रदेश में 88 प्रभावित लोग हिन्दू और 22 मुस्लिम प्रभावित हैं. किसी एक समुदाय को टारगेट करने का आरोप सरासर गलत है. तुषार मेहता ने कहा कि कार्रवाई के खिलाफ किसी पीड़ित ने कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की है. संगठन कोर्ट में अतिक्रमण हटाए जाने का विरोध कर रही है.
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