दिल्ली हाई कोर्ट परिसर की जांच के बाद पुलिस को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। पुलिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी ने शरारत की है। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट की ऑफिशियल मेल आईडी पर धमकी आई है। मेल में साफ लिखा है कि दोपहर की नमाज के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में धमाका होगा। इसी वजह से सुरक्षा अधिकारियों ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट ही खाली कराया गया था। मेल कहां से आया जांच की रही है।
राजनीति में परिवारवाद का भी जिक्र
मेल में यह भी कहा गया है कि मूल कहानी यह है कि सेक्युलर दल भाजपा/आरएसएस से लड़ने के लिए पारिवारिक वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार को पनपने देते हैं। जब उत्तराधिकारियों (राहुल गांधी, उदयनिधि) को सत्ता से रोका जाता है, तो वे आरएसएस के खिलाफ लड़ने में रुचि खो देते हैं। इस प्रकार, एक सेक्युलर नेता के रूप में एक नए विकास को जन्म देने के लिए, उत्तराधिकारी की अड़चनों को दूर किया जाएगा, ताकि झूठे सेक्युलर चले जाएं और केवल समर्पित धर्मनिरपेक्षतावादी ही पार्टी की सत्ता में आएं।
हम डॉ. एझिलन नागनाथन को डीएमके की कमान सौंपने का प्रस्ताव देते हैं और इस सप्ताह उदयनिधि स्टालिन के पुत्र इनबानिधि उदयनदिहि को तेजाब से जला दिया जाएगा। खुफिया एजेंसियों को इस बात की भनक तक नहीं लगेगी कि यह कोई अंदरूनी काम है। पुलिस के अंदर 2017 से ही इस पवित्र शुक्रवार के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उदाहरण के तौर पर, आज आपके दिल्ली उच्च न्यायालय में हुआ धमाका पिछले झांसों का संदेह दूर कर देगा। दोपहर की इस्लामी नमाज के तुरंत बाद जज चैंबर में धमाका होगा।
बदनाम करने की कोशिश
मेल में कहा गया है कि तमिलनाडु ने पाकिस्तान के साथ हाथ मिला लिए हैं और कोर्ट परिसर में तीन बम रखे गए हैं। इसके साथ ही दो बजे तक परिसर खाली करने की चेतावनी दी गई है। हाईकोर्ट स्टाफ को संबोधित करते हुए मेल में लिखा गया है कि डॉ. शाह फैसल नाम के शिया मुस्लिम ने पटना में 1998 के बम विस्फोट को दोहराने के लिए कोयंबटूर में पाकिस्तानी आईएसआई सेल के साथ सफलतापूर्वक संपर्क स्थापित कर लिया है।
बम धमाके से बचने का तरीका भी बताया
मेल में बम धमाके रोकने का तरीका भी बताया गया है। इस पर लिखा गया है कि आईडी डिवाइस कहां रखे गए हैं और उन्हें कैसे डिफ्यूज करना है। यह जानने के लिए इस व्यक्ति से संपर्क करें। इसके साथ ही उसका नंबर भी दिया गया है। मेल में यह भी कहा गया है कि एक कोड के जरिए बम डिफ्यूज होंगे।
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