प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के नए भवन की छत पर लगे राष्ट्रीय चिन्ह का अनावरण किया। अधिकारियों ने कहा कि यह प्रतीक कांस्य से बना है जिसका कुल वजन 9,500 किलोग्राम है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने कहा कि इसे नए संसद के केंद्रीय फ़ोयर के टाॅप पर लगाया गया है और प्रतीक के समर्थन के लिए लगभग 6,500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की एक सहायक संरचना का निर्माण किया गया है।
खास है ये अशोक स्तंभ
नए संसद भवन की इमारत की छत पर लगा ये राष्ट्रीय स्मारक काफी खास है। इस स्तंब को कांसे से बनाया गया है। यही वजह है कि रोशनी पड़ने पर ये चमकने लगता है, जिससे ये काफी दूर से ही दिखाई देता है। यह अशोक स्तंभ 20 फीट से ज्यादा ऊंचा है। इस स्तंभ को क्रेन के जरिए भवन के ऊपर स्थापित किया गया।
दो हजार श्रमिकों ने किया अशोक स्तंभ का निर्माण
अशोक स्तंभ का निर्माण दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने किया है। बता दें कि, इस नए संसद में 1224 सदस्य बैठेंगे। इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है।
बता दें कि, इस नए संसद भवन के निर्माण में करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत आई है। नए संसद परिसर के बन जाने के बाद पुराने संसद भवन को संग्रहालय में तब्दी कर दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने किया था इमारत का उद्घाटन
बताया जा रहा है कि यह नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
वहीं इस नए अशोक स्तंभ के उद्घाटन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी उसके पास खड़े होकर तस्वीरें भी खिंचवाई।
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नई इमारत का शिलान्यास किया। ये एक तिकोनी इमारत है। जबकि मौजूदा संसद यानी पुरानी इमारत का आकार वृत्ताकार है।
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