Homeधर्म5 कारण जिनकी वजह से गणेश जी को अति प्रिय हैं मोदक

5 कारण जिनकी वजह से गणेश जी को अति प्रिय हैं मोदक

हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है. श्री गणेश की पूजा (Worship) हो और प्रसाद में मोदक (Modak) न हो ऐसा आपने कम ही देखा होगा. भगवान गणेश को भोग में मोदक चढ़ाया जाता है जो उनको अति प्रिय है. गणेश जी को प्रसाद में आप भले ही छप्पन भोग लगा दीजिए, लेकिन अगर मोदक नहीं चढ़ाया है तो वो छप्पन भोग भी उनके लिए अधूरा ही होगा.

भगवान गणेश भोग में मोदक पाकर अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं. क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश को मोदक इतने प्रिय क्यों हैं? आइए जानते हैं 5 वजह

पहला कारण
मोद शब्द का अर्थ होता है खुशी या प्रसन्नता, भगवान गणेश (Ganesha) हमेशा खुश रहते हैं. अपने भक्तों पर कोई कष्ट नहीं आने देते हैं. इसीलिए भगवान गणेश विघ्नहर्ता के नाम से भी जानें जाते हैं. इसी तरह भक्त भी अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए मोदक रूपी प्रसाद चढ़ाते हैं.

दूसरा कारण
एक बार की बात है भगवान शिव शयन कर रहे थे. भगवान गणेश द्वार पर पहरा दे रहे थे. तभी भगवान शिव से मिलने परशुराम आते हैं, तो गणेश जी उन्हें द्वार पर ही रोक देते हैं. परशुराम क्रोधित होकर शिव जी द्वारा दिए परशु से ही गणेश जी पर प्रहार करते हैं जिसमें उनका एक दांत टूट जाता है. जिससे गणेश जी को खाना चबाने में काफी परेशानी होती है. उनके लिए मोदक बनाए जाते हैं. मुलायम होने की वजह से वे उन्हें बड़ी आसानी से खा लेते हैं और उनका पेट भर जाता है. अभी से भगवान गणेश को मोदक प्रिय हो गए.

तीसरा कारण
एक बार गणेश जी माता पार्वती और भगवान शिव के साथ माता अनुसुइया के घर गए. वहां पर माता अनुसुइया ने सोचा पहले गणेश जी को खाना खिला देती हूं. गणेश जी खाना खाते जा रहे थे और उनकी भूख समाप्त नहीं हो रही थी. माता अनुसुइया ने सोचा कि उन्हें कुछ मीठा खिला दे. तो गणेश जी को एक टुकड़ा मोदक का दे दिया. मोदक खाते की गणेश जी ने डकार ली. इसके बाद भगवान शिव ने भी जोर-जोर से 21 बार डकार ली. तभी से मोदक गणेश जी का प्रिय भोग हो गया.

चौथा कारण
ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश को 21 मोदक चढ़ाने से सभी देवी-देवताओं का पेट भर जाता है. यही वजह है कि भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाया जाता है.

पांचवा कारण
ऐसा भी कहा जाता है कि मोदक अमृत से बना होता है. देवताओं ने एक दिव्य मोदक माता पार्वती को दिया था. जिसे देख गणेश जी को मोदक खाने की इच्छा हुई. उन्होंने वह मोदक माता पार्वती से प्राप्त कर खाया तो उन्हें अत्यंत पसंद आया.तभी से गणेश जी को मोदक प्रिय हो गया.

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