Homedelhiचंदा कोचर के बाद वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत हुए गिरफ्तार

चंदा कोचर के बाद वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत हुए गिरफ्तार

सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक लोन केस में वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी से जुड़े लोगों ने इसकी जानकारी दी है। जांच एजेंसी इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वे फिलहाल तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर हैं।

आईये जाने कौन हैं वेणुगोपाल धूत

वेणुगोपाल धूत वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन हैं। भारत के अरबपति व्यक्तियों में इनकी गिनती होती है। 2015 में फोर्ब्स की सबसे अमीर लोगों की सूची में वेणुगोपाल धूत को 61वां स्थान हासिल हुआ था। तब वेणुगोपाल धूत की संपत्ति 1.19 बिलियन डॉलर थी।

क्या है मामला, जानें

मामले में आरोपों के अनुसार वेणुगोपाल धूत ने कथित तौर पर 2010 और 2012 के बीच वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा ऋण दिए जाने के कुछ महीनों बाद बदले में न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया था। सीबीआई का आरोप है कि ऋण को एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी। जिसमें चंदा कोचर एक सदस्य थीं। सीबीआई का आरोप है कि कोचर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपये मंजूर करने के लिए वेणुगोपाल धूत से अपने पति के माध्यम से अनुचित लाभ प्राप्त किया।

एफआईआर में बतौर आरोपी दर्ज था वेणुगोपाल धूत के नाम

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित IPC की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में आरोपी के रूप में दर्ज किया था। चंदा कोचर पर मार्च 2018 में अपने पति को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद के दुरुपयोग का भी आरोप लगा था। आरोपों के बाद चंदा ने अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के CEO और MD के पद से इस्तीफा दे दिया था।

नियम और कानून को दरकिनार कर जारी किए लोन

चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप की कंपनियों के लिए क्रेडिट क्रेडिट लिमिट तय की थी। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि उस वक्त बैंक की प्रमुख रहते हुए चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप को नियमों को दरकिनार करते हुए लोन बांटा और बाद में उसे एनपीए घोषित कर दिया गया। जिससे बैंक को नुकसान हुआ और उधार लेने वालों को फायदा हुआ। जांच एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को एक आरोपी ने ने नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआरएल) का स्वामित्व हासिल करने और अवैध धन प्राप्त करने में मदद की थी।

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