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टैरिफ के बाद ड्रग्स तस्करी को लेकर एक्शन में ट्रंप, अधिकारियों का वीजा रद्द

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ड्रग तस्करी को लेकर कई देशों को दी गई चेतावनी के बाद अब एक्शन लिया गया है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की है कि ट्रंप प्रशासन ने कुछ भारतीय अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेतृत्व का वीजा रद्द कर दिया है। यूएस दूतावास की ओर से बताया गया कि उन पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीले पदार्थ) की तस्करी में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है।

ड्रग्स तस्करी वाले देशों में भारत को किया शामिल

अमेरिका ने एक दिन पहले ही भारत को उन 23 देशों की लिस्ट में शामिल किया, जहां ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी की जाती है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल केमिकल्स के उत्पादन और तस्करी के जरिए ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि वह इस संबंध में सभी देशों पर निगरानी रख रहा है।

अमेरिका के लोगों को बचाने के लिए लिया एक्शन

अमेरिकी दूतावास ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि अमेरिका के लोगों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरे से बचाने के लिए कुछ भारतीय कंपनी के अधिकारियों का वीजा रद्द किया गया है। इसमें कहा गया कि इस फैसले के बाद बिजनेस से जुड़े कुछ लोग और उनके परिवार के सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो जाएंगे।

गंभीर परिणाम भुगतने होंगे – डोनाल्ड ट्रंप

फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को भी दूतावास की ओर से अमेरिका के लिए वीजा आवेदन करते समय चिन्हित किया जाएगा। अमेरिकी दूतावास ने इस नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया। अमेरिकी दूतावास की ओर से कहा गया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों, संगठनों और उनके परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन देशों से ये दवाएं निकलती हैं और जिन तक ये पहुंचती हैं। उन्हें अपने दायित्वों को पूरा करना होगा और इन दवाओं की आपूर्ति बंद करनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

चीन सीक्रेट तरीके से कर रहा स्मगलिंग

हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीन सीक्रेट तरीके से तीसरे देशों के माध्यम से केमिकल की स्मगलिंग अमेरिका में कर रहा है। एफबीआई ने चीन पर आरोप लगाया कि चीन की ड्रग्स वाली साजिश बेहद खतरनाक है। साजिश के तहत ड्रग्स के जाल में फंसा कर अमेरिका और दूसरे देशों के युवाओं को तबाह करना है।

50 गुना घातक फेंटेनाइल ड्रग्स

चीन ने ड्रग्स का नेटवर्क पूरी धरती पर फैलाना शुरू कर दिया है। इसके लिए चीन ने हेरोइन से 50 गुना ज्यादा घातक ड्रग्स तैयार की है। जिसे फेंटेनाइल या फिर ‘चायना-व्हाइट’ के नाम से जाना जाता है। एफबीआई ने कहा की चीन ने अपने देश में तो ड्रग्स पर कड़े नियम बनाए हैं, लेकिन दूसरे देशों के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए खास रणनीति तैयार की है। क्योंकि, चीन आज दुनिया में नारकोटिक्स ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है।

वही एफबीआई रिपोर्ट में चीन के अवैध फेंटेनाइल साम्राज्य को उजागर किया गया है। जिसका उद्देश्य अन्य देशों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका के युवाओं को तबाह करना है। एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर तीसरे देशों के माध्यम से गुप्त रूप से केमिकल्स भेजने का आरोप लगाया ताकि किसी तरह की कार्रवाई से बचा जा सके और जानबूझकर अमेरिकी समाज को नुकसान पहुंचाया जा सके।

एफबीआई डायरेक्टर ने मांगी भारत से मदद

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने चीन समर्थित इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए भारत-अमेरिका के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा है कि चीन ड्रग माफिया के इस नेटवर्क को खत्म करने में भारत की भूमिका बेहद अहम है। चीन में तैयार होने वाले फेंटेनाइल के लिए जरूरी रासायनिक कच्चा माल अब भारत जैसे देशों से होकर मैक्सिकन कार्टेल्स तक पहुंच रहे हैं। भारत इसका उपभोक्ता नहीं है, लेकिन अब इसे एक ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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