डूंगरपुर : सादिक़ अली : डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा थाना पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाला गिरफ्तार कंपनी में रोजगार दिलाने के नाम पर ठगी करने वाली एक गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।थानाधिकारी सागवाड़ा सुरेंद्र सिंह से मिली जानकारी के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक डूंगरपुर के निर्देशन में जिले में अवैध कारोबारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत दोवड़ा थाना सर्कल के गलियाना गाँव के दो युवकों को डिटेन कर पूछताछ करने पर आरोपी युवको भावेश पाटीदार उम्र 19 और मोहन पाटीदार उम्र 24 वर्ष निवासी गलियाना बेरोजगार युवकों को निजी कंपनियों में मजदूरी और नौकरी दिलाने का झांसा देकर पोस्ट आफिस खाते में ऑनलाइन पैसे डलवा अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद न्यायालय में पेश किया जँहा न्यायालय ने न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।
कनाडा का वीजा व वहां नौकरी दिलवाने के नाम पर ठग लिए 1 करोड़
विदेश जाकर वहां नौकरी करने की चाहत में कई लोग आसानी से ठगी के शिकार हो रहे हैं। ठग भी अपने को रसूख व ऊंची पहुंच वाला बंदा बता पहले ऐसे लोगों को झांसे में लेते हैं। फिर रुपये एंठने के बाद उसी रसूख और पहुंच की धमकी देने लगते हैं। ऐसी ही एक वारदात साउथ कैंपस थाना क्षेत्र में हुई है, जहां चार ठग, जिसमें एक महिला भी है ने कनाडा का वीजा बनवाने और कनाडा में बेहतर वेतन पर नौकरी दिलाने के नाम पर एक करोड़ रुपये ठग लिए। इसके बाद कई महिनों तक उन्हें दौड़ाते रहे।
जब उनके जालसाजी की पोल खुली तो जब उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे तो मुख्य आरोपी देने से मुकर गए और पुलिस में जाने की बात कहने पर वे खुद को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का सदस्य बताते हुए देश के राजनेताओं से संपर्क होने और पुलिस से शिकायत करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। पर उनकी यह हरकत उल्टी पड़ गई, जब पीडि़तों की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई करते हुए चोरी आरोपी गुरदीप सिंह, उसकी पत्नी नरेंद्र कौर, हरविंदर और राजवंत कौर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर मामले की जांच करने के साथ ही उनकी तलाश भी शुरू कर दी।
पैसे मिलने के बाद बंद किया फोन उठाना
इसके बाद गुरदीप सिंह ने पीडि़तों का फोन उठाना बंद कर दिया। संदेह होने पर पीडि़तों ने फोटोकापी वाले वीजा के बारे में पता किया तो वह फर्जी निकला। जब पीडि़त स्वजन के साथ गुरदीप सिंह से मिले और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही तो उसने 15 लाख तुरंत वापस कर दिए। बाकी के 85 लाख भी एक साल के अंदर लौटाने की बात कही। लगभग 18 महीने बाद भी पैसे न मिलने पर एक दिन पीडि़त आरोपी से इस बाबत बात करने पहुंचे तो आरोपी खुद को एआईसीसी का सदस्य बताने लगा और बड़े राजनेताओं से लिंक होने की बात कहकर अंजाम भुगतने की की धमकी देने लगा। इसके बाद पीडि़तों ने मामला दर्ज कराया।
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