भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन महाशिवरात्रि इस साल 01 मार्च को है. शिव भक्तों को महाशिवरात्रि की प्रतीक्षा पूरे वर्ष रहती है. वे महाशिवरात्रि के दिन अपने प्रिय भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके मन की मुराद पूरी कर लेना चाहते हैं. शिव कृपा से व्यक्ति के लिए कोई भी चीज अप्राप्य नहीं है. महाशिवरात्रि आने वाली है, उसे ध्यान में रखते हुए भगवान शिव के अस्त्र, शस्त्र, पूजा पाठ से संबंधित बातों के बारे में बताया जा रहा है. आज आपको भगवान शिव के धनुष के बारे में बताते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
शिव धनुष के बारे में महत्वपूर्ण बातें
1. भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस के वध के लिए एक भयंक धनुष का निर्माण किया था, जिसका नाम पिनाक था. पिनाक धनुष से ही त्रिपुरासुर का वध करके भगवान शिव ने देवताओं को अभय वरदान दिया था.
2. पिनाक कितना शक्तिशाली था, इसकी कल्पना आप इस बात से कर सकते हैं कि उसके एक तीर से त्रिपुरासुर की तीन नगरी ध्वस्त हो गई थी.
3. कहा जाता है कि देव शिल्पी विश्वकर्मा ने दो शक्तिशाली धनुष पिनाक और सारंग बनाया था. उन्होंने सारंग भगवान विष्णु को और पिनाक भगवान शिव को दिया था.
4. जब भगवान शिव ने जब त्रिपुरासुर का वध कर दिया तो अपने धनुष पिनाक को देवताओं को सौंप दिया. उन्होंने उसे देवराज इंद्र को दे दिया. वहां से वह धनुष राजा जनक के पास धरोहर के रुप में था.
5. रामायण भगवान शिव के धनुष तोड़ने का वर्णन मिलता है. सीता स्वयंवर में प्रभु श्रीराम ने भगवान शिव के उस भयंकर धनुष को तोड़कर सीता का वरण किया था.
6. सीता जी ने बाल्यावस्था में भगवान शिव के धनुष को उठा लिया था, जिस वजह से उनके पिता राजा जनक ने सीता जी से विवाह के लिए स्वयंवर में शिव धनुष तोड़ने की शर्त रखी थी.
7. धनुष इतना शक्तिशाली था कि रावण जैसे परमवीर योद्धा भी उसे नहीं तोड़ पाए. प्रभु श्रीराम ने उस पर प्रत्यंचा चढ़ाई तो वह टूट गया.
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