पिछले कुछ समय में टेलिकॉम सेक्टर में फ्रॉड और स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं। लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए साइबर क्रिमिनल्स और स्कैमर्स नए-नए तरीके अपना रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ स्कैम और फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाने क लिए भारत सरकार भी सख्त कदम उठा रही है। फ्रॉड से जुड़े करीब 3.4 करोड़ मोबाइल नंबर्स को सरकार ने डिस्कनेक्ट कर दिया है। इन मोबाइल नंबर्स को संचार साथी पोर्टल के जरिए बंद किया गया।
फर्जी कनेक्शन की हो रही पहचान
आपको बता दें कि सरकारी पोर्टल संचार साथी में चाकसू (Chakshu) नाम का भी फीचर दिया गया है। इसकी मदद से यूजर्स किसी भी संदिग्ध फ्रॉड कॉल्स या फिर मैसेज को लेकर रिपोर्ट कर सकते हैं। लेकिन बता दें कि डॉट (DoT) पोर्टल पर आने वाली सभी शिकायतों पर बारीकी से विश्लेषण करता है और फिर उन डिवाइसेस या फिर संसाधनों की पहचान करता है जो कि फ्रॉड से जुड़े होते हैं। मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा की मदद से फर्जी दस्तावेजों से लिए गए कनेक्शन की भी पहचान की जा रही है।
लोगों या संस्थाओं को किया ब्लैक लिस्ट
जानकारी के मुताबिक टेलिकॉम सर्विस प्रवाइडर्स ने करीब 1150 लोगों या संस्थाओं को ब्लैक लिस्ट किया है। इसके साथ ही 18.8 लाख से ज्यादा डिवाइसेस को पूरी तरह से डिसकनेक्ट कर दिया है। मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने कहा कि इसका असर भी अब दिखने लगा है। साल 2024 में अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स की शिकायतें 1,89,419 थी लेकिन अब जनवरी 2025 तक इसकी इनकी संख्या घटकर 1,34,821 रह गई है।
लाखों IMEI नंबर और व्हाट्सप्प अकाउंट हुए बंद
सरकार ने संचार साथी पोर्ट के जरिए सिर्फ मोबाइल नंबर्स को ही डिस्कनेक्ट नहीं किया है बल्कि करीब 3.19 लाख IMEI नंबर को भी ब्लॉक किया है। जानकारी के अनुसार दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया पर बढ़ रहे फ्रॉड को रोकने के लिए एआई (AI) और बिग डेटा की मदद से करीब 16.97 लाख वॉट्सऐप अकाउंट को भी बंद किया है।
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि संचार साथी की मदद से ऐसे नंबर पर भी सख्ती बरती गई है। जो कि बल्क में मैसेज या स्पैम बढ़ा रहे थे। बल्क में मैसेज भेजने वाले करीब 20,000 से ज्यादा नंबर्स को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
read more : लेबनान ने इजरायल को दी नए युद्ध की धमकी, दक्षिणी लेबनान पर बड़ा हमला