चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. पापमोचनी एकादशी व्यक्ति के बड़े से बड़े पाप का भी अंत कर देती हैं. हर एकादशी की तरह पापमोचनी एकादशी का व्रत भी भगवान विष्णु ) को समर्पित है. मान्यता है कि इस एकादशी की व्रत कथा को ही पढ़ने या सुनने से 1000 गौदान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. इस बार पापमोचनी एकादशी 28 मार्च को है. एकादशी व्रत जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली लाने वाला माना जाता है. इसे श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है. लेकिन इस व्रत के नियम काफी कठिन होते हैं. अगर आप ये व्रत नहीं रख सकते तो अपनी समस्याओं को समाप्त करने के लिए एकादशी के दिन कुछ उपाय कर सकते हैं.
कर्ज मुक्ति के लिए
अगर आप पर कर्ज का बोझ चढ़ा है और आप इसे जल्द से जल्द उतारना चाहते हैं तो एकादशी के दिन एक लोटा जल में थोड़ी सी चीनी मिलाएं. नारायण का ध्यान करते हुए इस जल को पीपल में चढ़ाएं और प्रभु से समस्या के समाधान की प्रार्थना करें. शाम को देसी घी का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं. इससे आपके ग्रहदशा आपके पक्ष में आने लगती है और जल्द ही आपके पास धन संचय हो जाता है. धन एकत्रित होने के बाद आप कर्ज को आसानी से उतार सकते हैं.
धन प्राप्ति के लिए
एकादशी तिथि बहुत श्रेष्ठ तिथियों में से एक है. इस दिन स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु का पूरी श्रद्धा से पूजन करें. रात में विष्णु भगवान की प्रतिमा के समक्ष नौ बत्तियों जलाएं. इसके अलावा एक अखंड दीपक जलाएं जो पूरी रात जलना चाहिए. इस दौरान भगवान से अपने आर्थिक संकट को दूर करने की प्रार्थना करें. मान्यता है कि इस उपाय से नारायण के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और भक्त को आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
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सुख-शांति के लिए
तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय हैं. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद शाम में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं. संभव हो तो गाय के घी का दीपक जलाएं. 11 बार तुलसी की परिक्रमा करें और परिक्रमा करते हुए मन में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करें. हर एकादशी पर ऐसा करने से आपके परिवार में सुख और शांति बनी रहती है. घर के सदस्यों में आपसी प्रेम बढ़ता है. इसके अलावा आप चाहें तो दिन में भगवान विष्णु की पूजा के दौरान तुलसी की माला से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का कम का एक माला या इससे अधिक जाप कर सकते हैं. इससे भी नारायण की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.